नागपुरः नागपुर शहर के बीच से बहने वाले नाग नदी नाले में डेढ़ माह से देखे जा रहे मगरमच्छ को आखिरकार रविवार की सुबह पकड़ने में सफलता मिली. इसी के साथ डेढ़ माह से दहशत के साये में जी रहे नागपुरवासियों को राहत मिल गई है.
उल्लेखनीय है कि कोल्हापुर से आई एक टीम ने मगरमच्छ को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है. हालांकि नागपुरवासियों की समस्या अभी पूरी तरह से ख़त्म नहीं हुई है, क्योंकि नाले में दूसरा मगरमच्छ अभी भी है, जिसे पकड़ा नहीं जा सका है. डेढ़ महीनों से शहर के नाले में यह मगरमच्छ होने की वजह से परिसर में दहशत का माहौल था.
इसे देखते हुए आखिरकार सांगली की टीम को मगरमच्छ को पकड़ने के लिए बुलाया गया. तकनीकी कारणों से सांगली की टीम नागपुर नहीं पहुंच सकी. इसी बीच कोल्हापुर से एक टीम मगरमच्छ को पकड़ने के लिए नागपुर में आई. इस टीम ने अपना अभियान शुरू कर दिया. परिसर में निगरानी की गई.
मगरमच्छ के लिए जरूरी पिंजरे लगाए गए और मगरमच्छ को आकर्षित करने के लिए उसमें मुर्गी भी रखी गई. आखिरकार रविवार को मगरमच्छ पिंजरे में फंस गया. इस तरह कोल्हापुर की टीम की कोशिशे रंग लाई और नागपुर के लोगों को एक मगरमच्छ से अंततः छुटकारा मिल गया.
धूप सेंकने निकल रहा था बाहर
महाराजबाग के पीछे नाग नदी के नाले में दिखने वाला एक बड़ा मगरमच्छ वन विभाग की रेस्क्यू टीम के साथ फ्रेंडली होने लगा था. वह खुले में दर्शन दे रहा था। शुक्रवार को कई बार नाले के पानी से बाहर आकर धूप सेंकते हुए भी उसे टीम ने देखा था. जानकारी के अनुसार उसे वन विभाग की टीम वहां पर मौजूद रहने से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था.
उल्लेखनीय है कि सांगली से जो टीम आने वाली थी वह रेस्क्यू टीम समय पर नहीं पहुंचने से मगरमच्छ का रेस्क्यू लगातार टलते जा रहा था. हालांकि कोल्हापुर की टीम ने नागपुर पहुंचकर ऑपरेशन अपने हाथ में लेने की वजह से आखिरकार एक बड़े मगरमच्छ को रविवार को पकड़ लिया गया.
सीसीटीवी कैमरे भी लगाए थे
पिछले डेढ़ माह से महाराज बाग परिसर से बहने वाले इस नाले में यह मगरमच्छ देखे जाने की वजह से नागपुर के वन विभाग ने इस परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगा दिए थे. साथ ही मगरमच्छ को पकड़ने के लिए वन विभाग द्वारा पेंच टाइगर रिजर्व से एक पिंजरा भी मंगवाया गया था, हालांकि लंबे समय तक यह मगरमच्छ इस पिंजरे के आसपास भी नहीं भटका. जिस वजह से अंत में इस ऑपरेशन से सांगली की टीम को जोड़ने का फैसला किया गया.