2014 में पत्नी जयंती देब की हत्या?, पति सुरोजीत देब, लिपिका पोद्दार और संजय बिस्वास को मौत की सजा, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने फैसले को किया रद्द, किया बरी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 18, 2025 15:19 IST2025-07-18T15:18:28+5:302025-07-18T15:19:29+5:30

न्यायमूर्ति देबांगसू बसाक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने निर्देश दिया कि सुरोजीत देब, लिपिका पोद्दार और संजय बिस्वास को तत्काल रिहा किया जाए।

Murder wife Jayanti Deb in 2014 husband Surojit Deb, Lipika Poddar and Sanjay Biswas sentenced to death Calcutta High Court annulled verdict and acquitted them | 2014 में पत्नी जयंती देब की हत्या?, पति सुरोजीत देब, लिपिका पोद्दार और संजय बिस्वास को मौत की सजा, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने फैसले को किया रद्द, किया बरी

सांकेतिक फोटो

Highlightsसियालदाह रेलवे स्टेशन पर एक बिस्तर में रखे हुए मिले थे। पीठ में न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बार रशीदी भी शामिल थे।सबूत नहीं लगता कि हत्या वास्तव में अपीलकर्ताओं ने की थी।

कोलकाताः कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 2014 में अपनी पत्नी की हत्या के मामले में एक व्यक्ति और दो अन्य लोगों की मौत की सजा को रद्द करते हुए उन्हें बरी करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति देबांगसू बसाक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने निर्देश दिया कि सुरोजीत देब, लिपिका पोद्दार और संजय बिस्वास को तत्काल रिहा किया जाए।

देब की अलग रह रही पत्नी जयंती के शव के टुकड़े यहां सियालदाह रेलवे स्टेशन पर एक बिस्तर में रखे हुए मिले थे। पीठ ने बृहस्पतिवार को अपने फैसले में कहा, "हमारा मानना है कि अभियोजन पक्ष अपीलकर्ताओं के खिलाफ लगाए गए आरोपों को संदेह से परे साबित करने में पूरी तरह विफल रहा है।"

पीठ में न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बार रशीदी भी शामिल थे। खंडपीठ ने तीनों व्यक्तियों को दोषी ठहराने और मौत की सजा सुनाने संबंधी फैसले को रद्द कर दिया तथा सियालदह सत्र न्यायालय द्वारा उन पर तय किए गए सभी आरोपों से उन्हें बरी कर दिया। बीस मई 2014 को पुलिस को सियालदह रेलवे स्टेशन की पार्किंग में महिला के शव के टुकड़े मिले थे।

बाद में मृतक की पहचान जयंती देब के रूप में हुई। अपीलकर्ताओं के वकील ने दावा किया कि उनमें से कोई भी उस जगह मौजूद नहीं था जहां शव के टुकड़े बरामद किए गए थे। वकील ने दावा किया कि रिकॉर्ड में इस बात का कोई सबूत नहीं है कि पार्किंग क्षेत्र में सामान किसने छोड़ा था और ऐसी परिस्थितियों में, ऐसा कोई सबूत नहीं लगता कि हत्या वास्तव में अपीलकर्ताओं ने की थी।

उन्होंने अदालत के समक्ष कहा कि अभियोजन पक्ष ने अपीलकर्ताओं को मामले में फंसाया है। आरोप है कि सुरोजीत अपनी दोस्त लिपिका के साथ रह रहा था और उन्होंने जयंती की हत्या करके शव को ठिकाने लगाने के लिए संजय की मदद ली। सरकारी वकील ने कहा कि दोषसिद्धि और मौत की सजा सुनाए जाने के सियालदाह सत्र अदालत के 20 जुलाई 2019 के फैसले को बरकरार रखा जाना चाहिए।

Web Title: Murder wife Jayanti Deb in 2014 husband Surojit Deb, Lipika Poddar and Sanjay Biswas sentenced to death Calcutta High Court annulled verdict and acquitted them

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