महाराष्ट्र में प्लास्टिक बैन बनी आफत, व्यापारी ने की आत्महत्या, पत्नी ने सुनाई आपबीती
By पल्लवी कुमारी | Published: August 3, 2018 05:11 PM2018-08-03T17:11:09+5:302018-08-03T17:11:09+5:30
नागपुर के कश्मीरी लेन में रहने वाले 51 साल के व्यापारी नरेश तोलानी ने 29 जुलाई को गांधीसागर झील से छलांग लगाकर जान दे दी।
नागपुर, 3 अगस्त: महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में प्लास्टिक बैन किया है। फैसला लागू होने के बाद पहली बार राज्य से आत्महत्या का पहला मामला आया है। नागपुर के कश्मीरी लेन में रहने वाले 51 साल के व्यापारी नरेश तोलानी ने 29 जुलाई को आत्महत्या कर ली है। इन्होंने 29 जुलाई को देर रात
गांधीसागर झील से छलांग लगाकर जान दे दी। नरेश तोलानी की पत्नी दिव्या ने बताया कि उस रात अगर उनकी आंख नहीं लगी होती तो शायद ये हादसा नहीं होता। वह बताती हैं कि उनके पति प्लास्टिक बैन की वजह से डिप्रेशन में थे और कई रातों से सो नहीं पा रहे थे। वह काफी दिनों से परेशान थे।
काफी दिनों से थे निराश
पत्नी ने बताया कि उस दिन 29 जुलाई को भी हम दोनों काफी निराश थे। सुबह जब साढ़े चार बजे के आसपास उनकी नींद खुली को देखा पति नरेश बिस्तर पर नहीं हैं। नरेश के बेटे सुमित ने आनन-फानन में पिता को ढूंढना शुरू किया। वह दौड़ते हुए गांधीसागर झील पहुंचे।
झील में मिली लाश
जहां एक मॉर्निंग वॉक करने वाले ने बताया कि उसने किसी शख्स को झील से छलांग लगाते हुए देखा है। झील के पास से ही सूइसाइड नोट भी बरामद हुआ। जिसमें लिखा था, 'मैं प्लास्टिक बंदी की वजह से तंग आ गया हूं। मेरी जान का जिम्मेदार मैं खूद हूं।' इसके बाद सुमित ने भी पिता को ढूंढने के लिए झील में छलांग लगा दी। काफी मशक्कत के बाद सुमित को पिता का शव मिला।
प्लास्टिक बेचने के सिवा नहीं जानते थे कुछ
नरेश ने पत्नी को कुछ दिन पहले ही बताया था कि वह प्लास्टिक बेचने के अलावा कुछ नहीं जानते हैं। साथ ही इस उम्र में वह कुछ नए सिरे से शुरू करने के लिए तैयार नहीं थे। आखिरी वक्त में वह उन प्लास्टिक बैग को देख रहे थे जो बैन होने के बाद से बिक नहीं पाए थे।
पहले ऐसे शख्स, जिन्होंने प्लास्टिक बैन की वजह से सुसाइड की
नरेश राज्य के पहले ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने प्लास्टिक बैन की वजह से अपनी जान ले ली। पिछले 30 साल से नरेश केवल प्लास्टिक बैग रिटेल का बिजनस कर रहे थे। वह मैन्युफेक्चरर और होलसेलर से प्लास्टिक बैग खरीदते थे और दुकान-दुकान जाकर बेचते थे। मार्च के महीने में राज्य में प्लास्टिक बैन की घोषणा होने के बाद उनके बिजनस की डिमांड और सप्लाई कम होने लगी थी। दिव्या ने बताया, 'पूरे मार्किट में हलचल मच गई। जुर्माने के डर से कोई दुकानदार प्लास्टिक बैग लेने को तैयार नहीं था और इस वजह से मेरे पति की रातें बेचैन होने लगीं।'
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