मध्य प्रदेश: कर्ज के भंवर में डूब गया एक परिवार, मां-बाप ने दो नाबालिग बेटों की हत्या करके लगाया मौत को गले
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 13, 2023 03:00 PM2023-07-13T15:00:53+5:302023-07-13T15:06:02+5:30
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कर्ज के दुष्चक्र में फंसे धीरेंद्र विश्वकर्मा ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर अपने दो बेटों की हत्या की और फिर पत्नी के साथ अपनी जीवन लीला भी समाप्त कर ली।
भोपाल: कर्ज ने एक हंसते-खेलते परिवार को उजाड़ दिया है। मध्य प्र्देश की राजधानी भोपाल में कर्ज के बोझ तले एक दंपत्ति ने अपने दो बच्चों की हत्या करने के बाद मौत को गले लगा लिया। जी हां, कर्ज के दुष्चक्र में फंसे 38 साल के धीरेंद्र विश्वकर्मा ने अपनी 35 साल की पत्नी के साथ मिलकर पहले अपने दो बेटों की हत्या की फिर पत्नी के साथ अपनी जीवन लीला भी समाप्त कर ली।
इस संबंध में भोपाल के रातीबड़ पुलिस थाने की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार उन्हें गुरुवार को सूचना मिली कि धीरेंद्र विश्वकर्मा ने पत्नी के साथ मिलकर अपने 9 साल के बेटे ऋषिराज को जान से मारा और फिर अपने 3 साल के छोटे बेटे रितुराज की हत्या की और फिर विश्वकर्मा दंपति ने स्वंय भी आत्महत्या कर ली।
पुलिस के अनुसार मृतक भूपेंद्रधीरेंद्र के पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें उसने अपने उपर भारी कर्ज का उल्लेख किया है और उसी कर्ज के भंवरजाल में फंसे भूपेंद्र को परिवार समेत मौत के रास्ते पर जाना पड़ा।
पुलिस के अनुसार उसके सामने यह मामला तब आया, जब मृतक धीरेंद्र विश्वकर्मा के बड़े भाई नरेंद्र विश्वकर्मा ने पुलिस को सूचना दी। नरेंद्र ने पुलिस को बताया कि उसके छोटे भाई ने उन्हें अपने परिवार की एक सेल्फी भेजी और उसके कैप्शन में लिखा कि "यह आखिरी तस्वीर है"।
मृतक के बड़े भाई नरेंद्र ने पुलिस को यह भी बताया कि धीरेंद्र ने व्हाट्सएप पर परिवार की एक सेल्फी भेजने और संदेश देने के बाद उसका फोन नहीं उठाया, जबकि उसके बहुत बार उससे संपर्क करने का प्रयास किया।
नरेंद्र द्वारा मिली इस सूचना के आधार पर रातीबड़ पुलिस चौकी से पुलिस की एक टीम फौरन धीरेंद्र के घर पहुंची और मकान का दरवाजा तोड़कर जैसे ही घरप में दाखिल होती है तो देखती है कि धीरेंद्र दंपति के शव लटके हुए थे, जबकि दोनों नाबालिग बेटे बेहोश पड़े है। पुलिस के अनुसार दोनों बच्चों की सांसें चल रही थीं। ऐसे में पुलिस उन बच्चों को लेकर फौरन अस्पताल भागी, जहां डॉक्टरों ने दोनों बच्चों को अस्पताल पहुंचने से पहले मृत घोषित कर दिया।
घटना के संबंध में रातीबड़ पुलिस थाने की प्रभारी सलोनी सिंह ने बताया कि सभी चारों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और आगे की जांच जारी है। रातीबड़ पुलिस चौकी की प्रभारी सलोनी सिंह ने कहा, “आत्महत्या की घटना के बारे में जानकारी मिलते ही पुलिस की एक टीम को तुरंत घटनास्थल पर भेजा गया था। मौके से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है। हम मामले की जांच कर रहे हैं।
पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद बताया कि धीरेंद्र और उसी पत्नी ने सबसे पहले अपने बच्चों को जहर दिया और उसके बाद वो दोनों खुद फांसी के फंदे पर झूल गये। पुलिस ने कहा, “सुसाइड नोट के आधार पर जांच जारी है और मामले में अन्य व्यक्तियों से पूछताछ की जाएगी। हालांकि, प्राथमिक सूचना के अनुसार कर्ज के कारण हत्या और आत्महत्या की बात सामने आ रही है लेकिन पुलिस अभी किसी सटीक निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है।
अपने सुसाइड नोट में धीरेंद्र ने लिखा है कि वह 'कर्ज के भारी जाल' में था, जिसके कारण उसे यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इसके साथ ही उसने सुसाइड नोट में इस बात का भी उल्लेख किया है कि 'कर्ज के जाल' के कारण उसके परिवार को बहुत कष्ट सहना पड़ा और वह अब आगे इस दबाव को संभाल पाने की स्थिति में नहीं है।