Kolkata Rape-Murder Case: पॉलीग्राफ टेस्ट में मुख्य आरोपी संजय रॉय ने CBI को क्या बताया? किया ये दावा
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: August 26, 2024 11:08 IST2024-08-26T11:07:30+5:302024-08-26T11:08:58+5:30
Kolkata Rape-Murder Case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया। यह टेस्ट प्रेसीडेंसी जेल में किया गया। इस दौरान मुख्य आरोपी संजय रॉय ने कथित तौर पर दावा किया कि जब वह इमारत के सेमिनार हॉल में पहुंचा तो पीड़िता पहले ही मर चुकी थी।

बलात्कार और हत्या मामले के मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया गया
Kolkata Rape-Murder Case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रविवार, 25 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले के मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया। यह टेस्ट प्रेसीडेंसी जेल में किया गया। इस दौरान मुख्य आरोपी संजय रॉय ने कथित तौर पर दावा किया कि जब वह इमारत के सेमिनार हॉल में पहुंचा तो पीड़िता पहले ही मर चुकी थी।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान आरोपी के कई झूठे और असंबद्ध जवाब सामने आए। बलात्कार और हत्या के मामले में बेगुनाही का दावा करने के बाद उनका पॉलीग्राफ टेस्ट कराया गया था। सीबीआई ने संजय रॉय और मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष समेत सात लोगों का लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने के लिए अदालत से इजाजत मांगी है।
इस बीच दिल्ली में केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) से पॉलीग्राफ विशेषज्ञों की एक टीम कोलकाता पहुंची है और परीक्षण कर रही है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से बताया कि आरोपी परीक्षण के दौरान घबराया हुआ और चिंतित दिखाई दिया और उसने दावा किया कि जब उसने पीड़िता को देखा तो वह पहले ही मर चुकी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि रॉय ने दावा किया कि पीड़िता को देखने के बाद वह भाग गया।
हालांकि परीक्षण के दौरान दिए गए जवाब को सबूत के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है लेकिन निष्कर्ष एजेंसी को आगे की जांच के लिए एक दिशा देते हैं। बता दें कि 9 अगस्त को कोलकाता में सरकार द्वारा संचालित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक पोस्ट ग्रेजुएट प्रशिक्षु का अर्धनग्न शव पाया गया था। प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को जांच को कोलकाता पुलिस से सीबीआई को स्थानांतरित करने का आदेश दिया, जिसने 14 अगस्त को अपनी जांच शुरू की। 10 अगस्त को कोलकाता पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी के रूप में एक नागरिक स्वयंसेवक, संजय रॉय को गिरफ्तार किया था। डॉक्टर के शरीर के पास पाए गए एक सीसीटीवी फुटेज और एक ब्लूटूथ डिवाइस के परिणामस्वरूप रॉय की गिरफ्तारी हुई, जिन्हें कथित तौर पर सेमिनार में प्रवेश करते देखा गया था।