Kangra Medical College: चिकित्सा कॉलेज के 12 छात्र कनिष्ठ छात्रों की रैगिंग करने के आरोप में निलंबित, प्रत्येक पर 50000 रुपये का जुर्माना, आईआईटी मंडी में 10 छात्र निलंबित हुए थे...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 21, 2023 08:30 PM2023-09-21T20:30:27+5:302023-09-21T20:32:44+5:30
Kangra Medical College: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी में 11 अगस्त को एक कार्यक्रम के दौरान कनिष्ठ छात्रों की कथित रैगिंग के आरोप में 10 छात्रों को निलंबित कर दिया गया था और 62 अन्य छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई थी।

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Kangra Medical College: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में स्थित एक चिकित्सा कॉलेज के 12 छात्रों को कनिष्ठ छात्रों की रैगिंग करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया और प्रत्येक पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। प्राधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। राज्य में दो महीने के भीतर रैगिंग का यह दूसरा मामला है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी में 11 अगस्त को एक कार्यक्रम के दौरान कनिष्ठ छात्रों की कथित रैगिंग के आरोप में 10 छात्रों को निलंबित कर दिया गया था और 62 अन्य छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई थी।
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय (आरपीजीएमसी) प्रशासन के मुताबिक, आरोपी छात्रों को कॉलेज से तीन महीने के लिए और छात्रावास से छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है। आरपीजीएमसी के प्रधानाचार्य भानू अवस्थी ने बताया कि इसके अलावा प्रथम वर्ष के दो छात्रों को कॉलेज प्राधिकारियों से घटना की जानकारी छिपाने के लिए चेतावनी भी जारी की गई है।
अवस्थी ने बताया, ''हमारे महाविद्यालय में रैगिंग-रोधी समितियां और एक रैगिंग रोधी दस्ता है, जो नियमित रूप से इस तरह की घटनाओं की जांच का काम करता है। इस तरह की एक समिति जब रविवार को छात्रावास में जांच कर रही थी तो उसे प्रथम वर्ष के छात्रों के कमरों में वरिष्ठ छात्रों की प्रैक्टिकल की कॉपी मिलीं।''
प्रधानाचार्य के मुताबिक, सत्यापन के लिए मामले की सूचना सोमवार को रैगिंग रोधी दस्ते को दी गई और मंगलवार को दाखिल पहली रिपोर्ट में छह वरिष्ठ छात्रों को दोषी पाया गया। उन्होंने बताया, ''दस्ते ने दोषी पाए गए छह छात्रों में से प्रत्येक पर 50 हजार रुपये जुर्माना और छात्रावास से छह महीने व कक्षाओं से तीन महीने के निलंबन की सिफारिश की है।''
उन्होंने बताया कि दस्ते की दूसरी रिपोर्ट बुधवार को आई और उसमें छह अन्य छात्रों को दोषी पाया गया। उन्हें भी समान दंड देने की सिफारिश की गई। दस्ते ने अपनी सिफारिश में मामले की सूचना प्राधिकारियों को नहीं देने के लिए प्रथम वर्ष के उन दो छात्रों को भी चेतावनी जारी की है, जिनके पास से प्रैक्टिकल की कॉपी मिली थीं।