नई दिल्लीः दिल्ली स्थित जहांगीरपुरी में हुई सांप्रदायिक हिंसा के प्रमुख वांछितों में से एक को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया। सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आरोपी की पहचान फरीद उर्फ नीटू के तौर पर की गई है।
पुलिस ने बताया कि इसके साथ ही इस मामले में अब तक करीब 29 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि दो नाबालिगों को पकड़ा गया है। दोनों आरोपियों की पहचान जहांगीरपुरी निवासी जाफर (34) और बाबुद्दीन उर्फ बाबू (43) के रूप में हुई है।
पुलिस ने बताया कि मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने आरोपियों को बुधवार को जहांगीरपुरी से गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा कि जाफर और बाबुद्दीन दोनों कथित रूप से ''दंगों में सक्रिय रूप से शामिल'' पाए गए। एक सूत्र ने बताया, ‘‘वह सांप्रदायिक दंगे में बहुत ही सक्रिय रूप से संलिप्त था और अहम भूमिका निभाई थी। हमारी कई टीमें पश्चिम बंगाल में तैनात की गई थीं और उसे बृहस्पतिवार को तामलुक गांव से उसके रिश्तेदार के घर से गिरफ्तार किया गया। उसे आज विमान के जरिये दिल्ली लाया जा रहा है।’’
सूत्रों ने बताया कि दंगों के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया था और तब से वह लगातार अपना ठिकाना बदल रहा था। उन्होंने बताया कि आरोपी पश्चिम बंगाल में एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूम रहा था। उन्होंने बताया कि वर्ष 2010 से अबतक उसके खिलाफ लूटपाट, छिनैती, चोरी और शस्त्र कानून के तहत छह मामले दर्ज किए गए थे और वह जहांगीरपुरी इलाके का हिस्ट्रीशीटर है।
गौरतलब है कि 16 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव के दौरान निकाली गई ‘शोभायात्रा’ के दौरान राष्ट्रीय राजधानी के जहांगीपुरी इलाके में दो समुदायों में झड़प हो गई थी जिसमें आठ पुलिस कर्मी और एक आम व्यक्ति घायल हो गया था। पुलिस के मुताबिक झड़प के दौरान पत्थरबाजी और आगजनी हुई और कुछ वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।
जहांगीरपुरी की घटना के कुछ दिन बाद दिल्ली के पुलिस आयुक्त रोकेश अस्थाना ने प्रवर्तन निदेशालय को पत्र लिखकर मामले के मुख्य आरोपी पर लगे धन शोधन के आरोपों की जांच करने को कहा। पुलिस ने मामले के पांच आरोपियों के खिलाफ सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की है।