बिहार में बेखौफ अपराधी शासन के नाक के नीचे आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस प्रशासन को दे दे रहे हैं चुनौती, अस्पताल में घुसकर एक व्यक्ति को मारी गोली

By एस पी सिन्हा | Updated: July 17, 2025 14:53 IST2025-07-17T14:53:09+5:302025-07-17T14:53:09+5:30

गुरुवार को तड़के सुबह चार की संख्या में अपराधियों ने पारस अस्पताल में घुसकर चंदन मिश्रा को ताबड़तोड़ गोली मार दी और वारदात को अंजाम देकर बड़े आराम से फरार हो गए।

In Bihar, fearless criminals entered the hospital and shot a person | बिहार में बेखौफ अपराधी शासन के नाक के नीचे आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस प्रशासन को दे दे रहे हैं चुनौती, अस्पताल में घुसकर एक व्यक्ति को मारी गोली

बिहार में बेखौफ अपराधी शासन के नाक के नीचे आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस प्रशासन को दे दे रहे हैं चुनौती, अस्पताल में घुसकर एक व्यक्ति को मारी गोली

पटना: बिहार में बेखौफ अपराधियों के द्वारा कानून व्यवस्था की धज्जियां उडा दी जा रही है। राज्य के अन्य जिलों की बात छोड़ दें तो शासन के नाक के नीचे राजधानी पटना में बेखौफ अपराधियों का तांडव जारी है। अपराधियों के द्वारा एक के बाद एक हत्याओं को अंजाम दिया जा रहा है और पुलिस सिर्फ जांच-जांच वाला खेल खेल रही है। पुलिस की इस नाकामी से आम जनता दहशत में जीने को मजबूर है राजधानी पटना से सामने आ रही है। इसी कड़ी में अपराधियों ने एक बार फिर सुबह-सुबह बड़ी घटना को अंजाम देकर पुलिस को चुनौती दे दी है। गुरुवार को तड़के सुबह चार की संख्या में अपराधियों ने पारस अस्पताल में घुसकर चंदन मिश्रा को ताबड़तोड़ गोली मार दी और वारदात को अंजाम देकर बड़े आराम से फरार हो गए।

घटना शास्त्री नगर थाना क्षेत्र की है। बताया जाता है कि चंदन मिश्रा बेऊर जेल से पेरोल पर बाहर आने के बाद इलाज के लिए पारस अस्पताल में भर्ती था। जहां आज सुबह-सुबह चार की संख्या में पहुंचे अपराधियों ने अस्पताल के अंदर घुसकर उसे गोली मार दी। गोली चलते ही अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई और अपराधी मौके का फायदा उठाकर फरार हो गए। इस सनसनीखेज वारदात ने अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल यह है कि तमाम सुरक्षात्मक उपायों के बावजूद अपराधी कैसे आईसीयू वार्ड तक पहुंच गए और वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए। 

वहीं, इस घटना के संबंध में पटना के एसएसपी कार्तिकेय मिश्रा ने बताया कि संभवत: गैंगवार में ही उसपर हमला हुआ है। उन्होंने बताया कि बक्सर जिला का कुख्यात अपराधी चंदन मिश्रा के ऊपर हत्या के दर्जनों केस दर्ज थे, जिनमें से एक में या सजायाफ्ता थे। कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि चंदन मिश्रा इतना कुख्यात था कि इसे बक्सर से भागलपुर जेल ट्रांसफर किया गया था। हालांकि इलाजरत होने के कारण कुख्यात को पैरोल मिला था। 

कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि चंदन मिश्रा के विरोधी गुट वालों ने संभवतः घटना को अंजाम दिया है। उन्होंने कहा कि पटना पुलिस बक्सर पुलिस की मदद से विरोधी दलों के कुख्यातों की तलाश में जुट गई है। जो शूटर थे उनकी तस्वीर मिल गई है जिनकी पहचान हो रही है। कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि बक्सर पुलिस की मदद ली जा रही है। सीसीटीवी फुटेज खंगाला जा रहा है। गार्ड से पूछताछ चल रही है। अस्पताल की मिलीभगत है कि नहीं इसपर भी जांच चल रही है। 

वहीं इस मामले में पटना आईजी जितेंद्र राणा ने कहा कि बक्सर जिला का कुख्यात अपराधी चंदन मिश्रा है। जो फिलहाल पैरोल पर बाहर आया हुआ था और इलाजरत था। आशंका है कि विरोधी गैंग के द्वारा घटना को अंजाम दिया गया है। पुलिस का कहना है कि कई गोली लगी है लेकिन डॉक्टर ने अभी मृत घोषित नहीं किया है। आईजी ने कहा कि सभी पहलुओं पर जांच शुरु कर दी गई है। अस्पताल प्रबंधन में कहां लापरवाही हुई है उसकी जांच चल रही है। बिना अस्पताल कर्मी के मिली भगत के इतनी बड़ी घटना को अंजाम नहीं दिया जा सकता है। 

बता दें कि चंदन मिश्रा बक्सर के चर्चित चूना व्यवसायी राजेंद्र केसरी हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। 21 अगस्त 2011 में चूना व्यवसायी की हत्या की गई थी। इस हत्याकांड में मृतक के परिजनों के द्वारा कुख्यात अपराधी शेरू सिंह और चंदन मिश्रा समेत कुछ अन्य आरोपित बनाए गए थे और इनपर मुकदमा दर्ज हुआ था। चंदन मिश्रा और शेरू बंगाल से गिरफ्तार हुए थे।

शेरू को जब कोर्ट में पेश किया गया था और जज फैसला सुना रहे थे तो मौका देखकर शेरू ने कोर्ट में ही एक पुलिसकर्मी की हत्या गोली मारकर कर फरार हो गया था। बाद में उसे आरा पुलिस ने पकड़ा था। जिला अदालत ने ओंकारनाथ सिंह उर्फ शेरू को फांसी की सजा सुना दी थी। हालांकि बाद में हाईकोर्ट ने फांसी पर रोक लगा दी थी। वहीं इसी हत्याकांड में चंदन मिश्रा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। 

इससे पहले 2011 में ही 4 मई को धोबीघाट के पास एक जेलकर्मी हैदर इमाम वर्सी की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में भी चंदन मिश्रा और शेरू सिंह आरोपित थे। इस केस में जेलर ने बयान दिया था कि फोन के जरिए पूर्व में दोनों ने जान से मारने की धमकी दी थी। लेकिन कोर्ट में यह साबित नहीं हो सका। जिसके बाद दोनों को बरी कर दिया गया था। हालांकि अन्य मामलों के कारण वो जेल में ही रहे। 

बताया जाता है कि शेरू और चंदन ने 2009 से 2012 के बीच करीब डेढ़ दर्जन से अधिक आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया था। शेरू-चंदन गिरोह का आतंक उनकी गिरफ्तारी के बाद भी खत्म नहीं हुआ। जेल के अंदर रहकर भी चंदन मिश्रा कई हत्या की घटना को अंजाम दिलवाता रहा।

Web Title: In Bihar, fearless criminals entered the hospital and shot a person

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