खुद को 'कल्कि भगवान' बताने वाले कथित धर्मगुरु विजय कुमार नायडू के 40 ठिकानों पर पिछले हफ्ते आयकर विभाग ने छापा मारकर 600 करोड़ रुपये की बेहिसाब दौलत बरामद की। इस घटना के बाद आज (22 अक्टूबर) को कथित धर्मगुरु विजय कुमार ने अपना बयान दिया है। एक वीडियो जारी कर कथित धर्मगुरु विजय कुमार ने कहा, 'मैं देश में ही हूं। न ही आयकर विभाग और न ही सरकार ये कह रही है कि मैं देश छोड़ रहा हूं।'
विजय कुमार के ठिकानों पर सबसे पहले छापेमारी 16 अक्टूबर को की गई। जिसमें 409 करोड़ बरामद किए गए। ये छापेमारी आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में किए गए। आंध्र प्रदेश के वरदैयाहपालेम, चेन्नई और बेंगलुरू में ‘आरोग्य पाठ्यक्रम’चलाने वाली कंपनियों और ट्रस्टों के परिसरों पर छापे मारे। कंपनियों की स्थापना कल्कि भगवान ने की है।
कैसे बने 'कल्कि भगवान' ने इतने बेशुमार दौलत के मालिक
आयकर विभाग की एक विज्ञप्ति के अनुसार छापों में इस बात के प्रमाण मिले हैं कि समूह अपनी प्राप्तियों को अपने अनेक केंद्रों या आश्रमों में छिपा रहा है। विज्ञप्ति के अनुसार, 'समझा जाता है कि समूह ने दस्तावेजी मूल्यों से अधिक कीमत पर संपत्तियों की बिक्री से नकदी प्राप्ति कर भी बेहिसाब आय अर्जित की। बेहिसाब नकदी का प्रारंभिक आकलन बताता है कि वित्त वर्ष 2014-15 के बाद से 409 करोड़ रुपये की प्राप्तियां हुईं।
18 अक्टूबर को आयकर विभाग ने फिर एक बयान जारी करते हुए कहा था कि आश्रम और उसके ठिकानों पर मारे गए छापों में 43.9 करोड़ भारतीय मुद्रा, 18 करोड़ की विदेशी मुद्राएं और 31 करोड़ कीमत के सोने और हीरे के जेवरात बरामद हुए हैं। आध्यात्मिक गुरु कल्कि के पुत्र एनकेवी कृष्णा और परिवार के दूसरे सदस्यों को आयकर विभाग ने पूछताछ का समन जारी किया है।
जानें कथित धर्मगुरु विजय कुमार के आश्रम से क्या-क्या मिला?
- 45 करोड़ की भारतीय करंसी-20 करोड़ मूल्य के अमेरिकी डॉलर-31 करोड़ के सोने और हीरे के जेवरात-पांच करोड़ का हीरा
LIC क्लर्क के रूप में की थी करियर की शुरुआत
70 वर्षीय कथित धर्मगुरु विजय कुमार ने खुद को भगवान विष्णु का 10वां अवतार यानि कल्कि भगवान घोषित किया है। 30 साल पहले वह एलआईसी के क्लर्क के रूप में नौकरी करते थे। इसके बाद नौकरी छोड़कर एक शिक्षण संस्थान में निवेश किया। शिक्षण संस्थान जब सफल नहीं रहा तो वह अंडरग्राउंड हो गए।
विजय कुमार यानि स्वघोषित भगवान ने कर्नाटक के चित्तुर में वननेस नाम के विश्वविद्यालय का गठन किया था। यही नहीं उसने रियल एस्टेट में भी किस्मत आजमायां और उसका साम्राज्य भारत के बाहर दूसरे देशों में भी फैल गया। रिपोर्ट्स के अनुसार आयकर विभाग ने जिन जगहों पर छापेमारी की गई थी उसमें इनका मुख्य आश्रम आंध्र प्रदेश के चित्तूर वैरादेहपलेम भी शामिल है। कल्कि भगवान यानि विजय कुमार ने ट्रस्टों के जरिए विदेशियों को आध्यात्मिक ट्रेनिंग देता था और पैसे बनाता था।