बेंगलुरु: हिंदू कार्यकर्ता सुहास शेट्टी की गुरुवार, 1 मई को मंगलुरु के बाजपे में बेरहमी से हत्या कर दी गई। हत्या के बाद 2 मई को दक्षिण कन्नड़ में हिंदू संगठनों द्वारा बंद के आह्वान के बाद शहर में 2 मई से 6 मई तक सख्त निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। शहर के पुलिस आयुक्त और अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट अनुपम अग्रवाल द्वारा जारी निर्देश भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत क्षेत्र में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए है।
बजरंग दल से जुड़े बताए जा रहे शेट्टी पर गुरुवार को बाजपे में अज्ञात हमलावरों ने जानलेवा हमला किया। इस हत्या से व्यापक आक्रोश फैल गया है और क्षेत्र में सांप्रदायिक सद्भाव को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं। इस भयावह अपराध का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया है। रिपोर्टों के अनुसार, एडीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) आर हितेंद्र सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी स्थिति का जायजा लेने तथा जांच एवं सुरक्षा उपायों की निगरानी के लिए मंगलुरु पहुंच चुके हैं।
इस घटना के बाद शहर के संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कई हिंदू संगठनों ने हत्या की निंदा की है और लोगों से विरोध में स्वैच्छिक बंद रखने का आग्रह किया है। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नेता शरण पंपवेल ने एक बयान में कहा, "हम सभी हिंदुओं से एकजुटता दिखाने के लिए स्वेच्छा से अपने प्रतिष्ठान, परिवहन सेवाएं और व्यवसाय बंद करने का आग्रह करते हैं।"
गुरुवार सुबह 6:00 बजे से लागू होने वाले निषेधात्मक उपायों में सार्वजनिक सभाओं, रैलियों, नारे लगाने और हिंसा भड़काने वाली गतिविधियों पर प्रतिबंध शामिल है। पोस्टर, चित्र और सोशल मीडिया पोस्ट जैसी भड़काऊ सामग्री का प्रसार जो शांति को बाधित कर सकता है या लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकता है, पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
लाउडस्पीकर, संगीत कार्यक्रम और तनाव को बढ़ाने वाले सार्वजनिक भाषणों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालांकि, आदेश में आधिकारिक सरकारी कार्यक्रमों, पूर्व-स्वीकृत धार्मिक समारोहों, विवाह समारोहों और अंतिम संस्कार जुलूसों के लिए अपवाद बनाए गए हैं। मंगलुरु सिटी पुलिस ने अपने कर्मियों को हाई अलर्ट पर रहने, संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी और गश्त बढ़ाने का निर्देश दिया है।