वडोदरा:गुजरात के वडोदरा में ओसिस इंस्टीट्यूट नाम के एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के दो ट्रस्टी और एक मेंटर को एक 19 वर्षीय युवती के बलात्कार के मामले को छिपाने के मामले में क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। युवती ने बाद में आत्महत्या कर ली थी।
वडोदरा पुलिस के क्राइम ब्रांच के एसीपी डीएस चौहान ने कहा कि 19 वर्षीय लड़की का एक सप्ताह के अंदर दो बार - 29 अक्टूबर और 4 नवंबर को सामूहिक बलात्कार किया गया था और 4 नवंबर को ही उसे वलसाड रेलवे स्टेशन पर गुजरात क्वीन एक्सप्रेस ट्रेन के अंदर फंदे से लटकता पाया गया।
उन्होंने कहा कि लड़की ने इस घटना के बारे में अपने दोस्तों और एनजीओ के ट्रस्टी से साझा किया था लेकिन किसी ने भी पुलिस या लड़की के परिजनों को जानकारी नहीं दी।
उन्होंने कहा कि अपराध के 38 दिनों बाद एनजीओ के ट्रस्टी समेत तीन लोगों पर सच छिपाने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने कहा कि हमने प्रबंधक ट्रस्टी प्रीति शाह, ट्रस्टी संजीव शाह और कर्मचाकी टपरिया के खिलाफ आईपीसी की धारा 114, 176 और 202 के तहत मामला दर्ज किया है।
जांच में पता चला था कि युवती पिछले दो सालों से इंस्टीट्यूट में पढ़ाई कर रही थी और साथ में स्टोर मैनेजर के रूप में काम भी कर रही थी।
युवती की आत्महत्या के बाद इंस्टीट्यूट के खिलाफ कई शिकायतें की गई जिसके पुलिस कमिश्नर शमशेर सिंह ने ओसिस के खिलाफ जांच के आदेश दिए।
युवती की मां ने भी अपनी बेटी की मौत के लिए ओसिस इंस्टीट्यूट को जिम्मेदार ठहराया और प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
पुलिस को युवती के बैग से एक डायरी मिली थी जिसमें उसने 29 अक्टूबर को दो ऑटो चालकों द्वारा वैक्सीन इंस्टीट्यूट ग्राउंड में यौन उत्पीड़न किए जाने की बात लिखी थी। सैकड़ों ऑटो चालकों से पूछताछ और सीसीटीवी की फुटेज की जांच के बाद भी पुलिस के हाथ अभी तक खाली हैं।