पटनाः बिहार के गोपालगंज में चर्चित खजुरबानी जहरीली शराबकांड में एडीजे-2 की अदालत ने आज सजा का ऐलान करते हुए इस कांड में 13 में से 9 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है, जबकि चार महिलाओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
कोर्ट का फैसला आते ही खजूरबानी के लोगों को एक बार फिर से वह भयावह दिन याद आ गया। आज कोई भी उस दिन के बारे में बिहार में बात नहीं करना चाहता। बता दें कि इस जहरीली शराब कांड में कुल 14 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था, लेकिन एक अभियुक्त की ट्रायल के दौरान मौत हो गई थी।
अब इस मामले में सिर्फ 13 लोग नामजद हैं और गोपालगंज की एडीजे-2 की कोर्ट ने इन सभी लोगों को इस पूरे कांड के लिए दोषी करार दिया है। करीब 5 साल पहले 2016 में गोपालगंज के नगर थाना के खजुरबानी में जहरीली शराब कांड में 21 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि आधा दर्जन लोग अंधे हो गए थे, शराबबंदी के अगले ही साल हुए इस जहरीली शराब कांड ने उस वक्त सनसनी फैला दी थी।
इस मामले में गोपालगंज नगर थाना कांड संख्या 347/ 2016 में खजूरबानी में अवैध शराब रखने, बेचने और भंडारण करने के मामले में कोर्ट ने सभी 13 आरोपितों को दोषी पाया था। इस शराब कांड के बाद नगर थाना पुलिस ने खजुरबानी गांव के मुख्य अभियुक्त नगीना पासी, रुपेश शुक्ला सहित कुल 14 लोगों को अभियुक्त बनाया था।
आज हर किसी की निगाहें कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई थीं। गोपालगंज के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय लवकुश कुमार की उत्पाद स्पेशल कोर्ट 13 आरोपितों को दोषी करार कर चुकी थी, दोषी करार होने के बाद सजा के बिंदु पर आज फैसला आया है।
इस शराबकांड दोषी झठू पासी, रंजय पासी, मुन्ना पासी, कन्हैया पासी, राजेश पासी, लालबाबू पासी, नगीना पासी, संजय पासी और सनोज पासी को फांसी की सजा सुनाई गई है, जबकि रिता देवी, इंदू दंवी, लालझरी देवी और कैलासों देवी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। सजा का ऐलान होते ही दोषियों के परिजन हंगामा करने लगे। परिजनों का कहना था कि उनके साथ इंसाफ नहीं हुआ है, वो मामले को ऊपरी अदालत में चुनौती देंगे।