दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में छह फरवरी को ‘फेस्ट’ के दौरान छात्राओं के साथ हुई कथित छेड़खानी के मामले में दिल्ली की एक अदालत ने सभी आरोपियों को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। मामले में बुधवार को 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों की उम्र 18 से 25 साल के बीच है। सुप्रीम कोर्ट ने गार्गी कॉलेज छात्रा से छेड़छाड़ की सीबीआई जांच के लिए याचिका पर विचार से करने से इंकार कर दिया है।
पुलिस बताया कि मामले की जांच करने और संदिग्धों की पहचान करने के लिए पुलिस की 11 से ज्यादा टीमें उपलब्ध तकनीकी ब्योरों का विश्लेषण कर रही हैं और एनसीआर में जगह-जगह तलाशी ले रही हैं। उन्होंने बताया कि कई लोगों से पूछताछ की जा रही है और विभिन्न संदिग्धों की पहचान की गई है।
इधर सुप्रीम कोर्ट ने गार्गी महिला कॉलेज में छात्राओं के साथ कथित छेड़छाड़ की घटना की शीर्ष अदालत की निगरानी में सीबीआई से जांच कराने के लिये दायर जनहित याचिका पर आज विचार करने से इंकार कर दिया। प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने याचिकाकर्ता वकील मनोहर लाल शर्मा से कहा कि उन्हें इसके लिये दिल्ली उच्च न्यायालय जाना चाहिए। शर्मा ने इस याचिका का उल्लेखन करते हुये पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया था।
पुलिस के अनुसार, फेस्ट जब चल रहा था तब ये आरोपी कॉलेज के बाहर थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपी दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न कॉलेजों के छात्र हैं। वे कॉलेज के बाहर जमा हुए, एक कार तोड़ी और फिर कॉलेज के भीतर घुस गए। पुलिस ने बताया कि वे कॉलेज के सुरक्षा कर्मियों द्वारा लगाए गए अवरोधकों को फांद कर भीतर घुसे। उनकी संख्या सुरक्षाकर्मियों के मुकाबले बहुत ज्यादा थी। वहां उन्होंने छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार किया।
अधिकारियों ने बताया कि जांच जारी है। और गिरफ्तारियां संभव हैं। गार्गी कॉलेज की छात्राएं तथ्याण्वेषी समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग को लेकर कक्षाओं का बहिष्कार कर रही हैं। दिल्ली पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में 10 फरवरी को प्राथमिकी दर्ज की थी। गार्गी कॉलेज में छह फरवरी को आयोजित फेस्ट में पुरुषों का एक समूह घुस गया था और छात्राओं के साथ कथित तौर पर छेड़खानी की थी। (पीटीआई इनपुट के साथ)