नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) के कथित उल्लंघन के लिए तमिलनाडु से लोकसभा सदस्य एस जगतरक्षकन और उनके परिवार के सदस्यों की 89.19 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है।
ईडी ने एक बयान में कहा कि ‘‘फेमा का उल्लंघन करते हुए सिंगापुर स्थित एक कंपनी में अवैध तौर पर हासिल, अर्जित, स्थानांतरित शेयरों’’ के बराबर की संपत्ति जब्त की गयी है। एजेंसी को सूचना मिली थी कि जगतरक्षकन ने फेमा के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए कथित तौर पर विदेशी शेयर हासिल किए हैं। इसके बाद एजेंसी ने विस्तृत जांच की।
ईडी ने दावा किया है कि फेमा के प्रावधानों के तहत जांच की अवधि में पाया गया कि जगतरक्षकन और उनके पुत्र संदीप आनंद ने भारतीय रिजर्व बैंक की मंजूरी के बिना सिल्वर पार्क इंटरनेशनल पी लिमिटेड सिंगापुर में 15 जून 2017 को कथित तौर पर क्रमश: 70,00,000 शेयर और 20,00,000 शेयर लिए।
ईडी ने कहा कि जगतरक्षकन ने अवैध तरीके से हासिल शेयरों को फेमा के नियमों के विरुद्ध अपने परिवार के सदस्यों को हस्तांतरित कर दिया। ईडी ने कहा है कि फेमा की धारा 37 ए के प्रावधानों के तहत जगतरक्षकन और उनके पारिवार के सदस्यों की कृषि भूमि, भूखंड, मकान आदि के रूप में अचल संपत्ति और बैंक खाते तथा शेयरों को मिलाकर कुल 89.19 करोड़ की संपत्ति जब्त की गयी है। मामले में आगे जांच की जा रही है। जगतरक्षकन द्रमुक सांसद हैं। वह लोकसभा में तमिलनाडु की अराकोनम सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं ।
सदन में गुटखा लाने के मुद्दे पर तमिलनाडु विधानसभा ने द्रमुक नेताओं को दोबारा जारी किया नोटिस
तमिलनाडु विधानसभा की विशेषाधिकार समिति ने 2017 में सदन में प्रतिबंधित गुटखे के पैकेट प्रदर्शित करने के सिलसिले में नेता प्रतिपक्ष एवं द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन और उनके विधायकों को ताजा नोटिस जारी कर सोमवार तक जवाब देने को कहा है। संयोगवश, तीन दिन के संक्षिप्त सत्र के लिए 14 सितंबर से सदन शुरू होगा। इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष पी धनपाल ने 2017 में द्रमुक के 21 विधायकों को विशेषाधिकार नोटिस भेजा था।
मामला लंबित होने के दौरान दो विधायकों का निधन हो गया। तमिलनाडु में 2013 से गुटखे पर प्रतिबंध है और विधानसभा अध्यक्ष ने प्रतिबंधित वस्तुओं को सदन में लाने पर विशेषाधिकार नोटिस जारी किया था। यह नोटिस तीन दिन पहले दोबारा जारी किया गया और 14 सितंबर तक जवाब मांगा गया है। नोटिस जारी करने की आलोचना करते हुए द्रमुक ने कहा कि पार्टी विधायकों को सत्र में भाग न लेने देने के उद्देश्य से नोटिस जारी किया गया है। पार्टी की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया कि स्टालिन और द्रमुक सदस्यों ने नोटिस के खिलाफ रिट याचिका दायर की है।