12 साल की बच्ची के अपहरण, देह व्यापार और मानव तस्करी के मामले में सोनू पंजाबन को दिल्ली की द्वारका कोर्ट ने 24 साल की सजा सुनाई है। सोनू पंजाबन के साथी संदीप बेदवाल को भी 20 साल की सजा सुनाई गई है।
सोनू पंजाबन दिल्ली में एनसीआर में सबसे बड़े सेक्स रैकेट को चलाती थी। उसके धंधे में पंजाब लेकर राजस्थान और मुंबई के लोग तक शामिल है। जिसमें पंजाब के ग्राहकों में कथित तौर पर हाई-प्रोफाइल कारोबारी शामिल हैं। जबकि उनके कर्मचारियों में "आकांक्षी मॉडल और अभिनेत्री" भी शामिल थे।
सोनू के उपर उस पर आईपीसी की धारा 363, 366, 342, 370, 370A, 372, 373, 376, 34, 120B और पॉक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज है। सोनू पंजाबन उस वक्त चर्चा में आई जब एक नामी बिजनेसमैन की लाश उसकी गाड़ी में बरामद हुई थी।
इस मामले में हुई सोनू पंजाबन को सजा
मामला 2009 का है। चार्जशीट के अनुसार एक बच्ची ने बताया कि 2006 में वह 12 साल की थी। जब वह छठी क्लास में थी तो उसकी दोस्ती संदीप नाम के शख्स से हुई। संदीप ने उसे शादी का झांसा दिया और दिल्ली में ले जाकर रेप किया। संदीप ने बच्ची को अलग-अलग लोगों को 10 बार बेचा।
इसके बाद बच्ची को सोनू पंजाबन को सौंपा गया। सोनू ने जबरन उसे जिस्मफरोशी के धंधे में धकेल दिया। उसे नशे के इंजेक्शन दिए गए और दिल्ली-हरियाणा-पंजाब तक में उसे कई लोगों के सामने परोसा गया। बाद में सतपाल नाम के शख्स ने उससे जबरन शादी कर ली। बच्ची किसी तरह भागकर नजफगढ़ थाने पहुंची और आपबीती सुनाई। 2009 में सोनू पंजाबन और उसके साथी संदीप के खिलाफ केस दर्ज किया गया।
गीता अरोड़ा से कैसे बनी सोनू पंजाबन
खुद को कॉलगर्ल बताने वाली गीता अरोड़ा उस वक्त फेमस हुई जब एक बड़े व्यापारी की लाश उसकी गाड़ी में मिली थी लेकिन गीता पुलिस से बचने में कामयाब हो गई थी। इस घटना के बाद गीता की दोस्ती रोहतक के विजय से हो गई थी। उस वक्त रिपोर्ट की मानें तो गीता और विजय दोनों शादी भी कर ली थी। शादी के कुछ महीने बाद ही विजय पुलिस के हाथों मारा गया। इसके बाद गीता की दोस्ती फिर से दीपक नाम के शख्स से हुई है। दीपक भी पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। दीपक के मारे जाने के बाद गीता ने दीपक के बड़े भाई हेमंत अरोड़ा उर्फ सोनू से शादी कर ली। इसी वजह से उसे गीता को सोनू पंजाबन कहा जाता है। हेमंत अरोड़ा उर्फ सोनू की आड़ में गीता ने अपने जिस्म के कारोबार को आगे बढ़ाया। 2006 में हेमंत सोनू भी एनकाउंटर में मारा गया था।
चार लोगों को एनकाउंटर में फंसा उतार चुकी है मौत के घाट
हेमंत के मारे जाने के बाग सोनू पंजाबन ने अशोक उर्फ बंटी का सहारा लिया। बंटी भी दिलशाद गार्डन में पुलिस के हत्थे चढ़ गया। उस वक्त की खबरों की मानें तो सोनू पंजाबन ने ही रोहतक के विजय , दीपक, हेमंत अरोड़ा उर्फ सोनू और अशोक उर्फ बंटी को पुलिस की मुखबिरी बनकर मरवाया था। माना जाता है कि पुलिस सोनू पंजाबन के काम में कोई दखल ना करें इसलिए वह पुलिस की मुखबिरी बन गई थी।
सोनू पंजाबन पर फुकरे और फुकरे रिटर्न्स फिल्म बनी थी
फुकरे और फुकरे रिटर्न्स फिल्म में भोली पंजाबन का करिदार भी सोनू पंजाबन से प्रेरित है। हालांकि फिल्ममेकर ने इस बात को अधिकारिक तौर पर नहीं बताया था।