दिल्ली के उत्तरपूर्वी इलाके में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान एक पुलिसकर्मी पर बंदूक तानने वाले शाहरुख पठान को शनिवार को तीन और दिनों के लिये पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
मामले से जुड़े एक वकील ने बताया कि ड्यूटी मजिस्ट्रेट विजय श्री राठौर ने पठान की हिरासत अवधि तीन दिन के लिये बढ़ाई। उन्होंने कहा कि उसकी चार दिन की पुलिस हिरासत अवधि खत्म होने पर कड़ी सुरक्षा के बीच उसे न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया था। पठान (23) को मंगलवार को उत्तर प्रदेश के शामली जिले से गिरफ्तार किया गया था।
उन्होंने कहा कि उसने जो पिस्तौल सांप्रदायिक हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल दीपक दहिया पर तानी थी उसे शुक्रवार को उसके घर से बरामद कर लिया गया। अधिकारियों ने कहा कि पुलिस ने उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और शस्त्र अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। पुलिस ने कहा कि गोलियां चलाने के बाद उसने पिस्तौल घर पर रख दी और एक कार से शहर से बाहर चला गया।
घटना के बाद वायरल हुए वीडियो में उत्तर पूर्वी दिल्ली स्थित घोंडा का निवासी शाहरुख 24 फरवरी को जाफराबाद-मौजपुर मार्ग पर एक पुलिसकर्मी पर पिस्तौल ताने नजर आ रहा था। पुलिस ने कहा कि घटना के बाद खुद को समाचार चैनलों पर प्रसारित खबरों में देखने के बाद पठान ने अपने कपड़े बदले और पंजाब भाग गया। इसके बाद वह उत्तर प्रदेश के बरेली में चला गया और अंतत: शामली में अपने एक दोस्त के घर जाकर छिप गया। पुलिस के मुताबिक पठान द्वारा इस्तेमाल अर्ध स्वचालित पिस्तौल अच्छी गुणवत्ता वाली है और इसे बिहार के मुंगेर से खरीदा गया।
भागने में शाहरुख की मदद करने वाला मादक पदार्थ तस्कर उप्र में गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश पुलिस ने शनिवार को मादक पदार्थों के एक कथित तस्कर को गिरफ्तार कर लिया जिसपर संदेह है कि उसने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के दौरान पुलिस पर बंदूक तानने के आरोपी शाहरुख की हरियाणा भागने में मदद की थी। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस के नार्कोटिक प्रकोष्ठ को 235 किलोग्राम गांजे की तस्करी के मामले में 28 वर्षीय कलीम की तलाश थी।
शामली पुलिस ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘मेरठ की अदालत ने कलीम की गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट जारी किया था। उसे कैराना से गिरफ्तार किया गया।’’ आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पूछताछ के दौरान कलीम ने पुलिस को बताया कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगों के बाद शाहरुख उसके पास मदद के लिए आया था।
सूत्रों के मुताबिक, ‘‘कलीम ने बताया कि शाहरुख कैराना स्थित उसके घर 27 और 28 फरवरी की दरम्यानी रात मदद के लिए पहुंचा और कहा कि उसकी कार को नुकसान पहुंचा है तथा फोन भी काम नहीं कर रहा है।’’ उन्होंने बताया कि कलीम ने दावा किया कि उसे नहीं पता था कि शाहरुख ने क्या किया है और वह क्यों भागा है, बावजूद इसके उसने अगली सुबह पानीपत जाने वाली बस तक पहुंचाने में उसकी मदद की।
सूत्रों ने बताया कि कलीम और शाहरुख करीब डेढ़ साल से एक-दूसरे को जानते थे और पहले भी एक-दूसरे के घरों में रह चुके थे। सूत्रों ने बताया कि कलीम और शाहरुख के पिता दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे। एक मादक पदार्थ की तस्करी के मामले में जेल में था जबकि दूसरा नकली मुद्रा मामले में जेल में था।
तिहाड़ जेल में पिता से मिलने जाने के दौरान कलीम और शाहरुख एक-दूसरे के संपर्क में आए। उल्लेखनीय है कि दिल्ली दंगे के दौरान पुलिस पर बंदूक तानने और गोली चलाने के आरोपी शाहरुख को मंगलवार को उत्तर प्रदेश के शामली जिले से पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को उसे तीन और दिनों के लिए पुलिस की हिरासत में भेज दिया गया।