निर्भया के दोषियों को तीन मार्च को फांसी दिए जाने की तारीख तय की गई है। हालांकि इस पर संशय बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट आज दोषी पवन गुप्ता की क्यूरेटिव याचिका पर सुनवाई होने के बाद याचिका को खारिज कर दी गई है। जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ पवन की याचिका को खारिज करने का फैसला लिया। बता दें तीन गुनहगारों की क्यूरेटिव याचिका पहले ही खारिज हो चुकी हैं।
इस मामले में चारों दोषी अपनी फांसी टालने के लिए नए-नए हथकड़े अपना रहे हैं। इससे पहले विनय शर्मा ने खुद का सिर दीवार पर मार दिया है। 16 फरवरी को हुई घटना में उसे हल्की चोटें भी आई थी। दोषियों को वकील एपी सिंह का कहना है कि विनय की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। वह अपनी मां को भी नहीं पहचान पा रहा।
दिल्ली कोर्ट में दोषी अक्षय सिंह द्वारा डेथ वारंट पर रोक की याचिका की सुनवाई पर 2012दिल्ली गैंगरेप पीड़िता की मां आशा देवी:मैं 7साल 3महीने से संघर्ष कर रही हूं।वो कहते हैं हमें माफ कर दो। कोई कहता है कि मेरे पति,बच्चे की क्या गलती है।मैं कहती हूं कि मेरी बच्ची की क्या गलती थी? pic.twitter.com/OMFVVVIhMf— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 2, 2020
दिल्ली कोर्ट में दोषियों द्वारा डेथ वारंट पर रोक की याचिका पर दिल्ली गैंगरेप पीड़िता की मां आशा देवी ने कहा कि मैं 7साल 3 महीने से संघर्ष कर रही हूं। वो कहते हैं हमें माफ कर दो। कोई कहता है कि मेरे पति,बच्चे की क्या गलती है। मैं कहती हूं कि मेरी बच्ची की क्या गलती थी?
बता दें कि उच्चतम न्यायालय 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में फांसी की सजा का सामना कर रहे चार दोषियों में एक पवन कुमार गुप्ता की सुधारात्मक याचिका (क्यूरेटिव याचिका ) पर आज बंद कमरे में सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ न्यायमूर्ति रमण के चैंबर में सुधारात्मक याचिका पर सुनवाई की।
पवन समेत तीन अन्य दोषियों को तीन मार्च को फांसी होने वाली है। लेकिन, ये कोर्ट के निर्णय के बाद ही तय हो पाएगा कि कल दोषियों को फांसी होना है या नहीं होना है। पवन ने अपराध के समय खुद के नाबालिग होने का दावा करते हुए फांसी को उम्रकैद में बदलने का अनुरोध किया था । पवन ने वकील ए पी सिंह के जरिए सुधारात्मक याचिका दाखिल कर मामले में अपीलों और पुनर्विचार याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को खारिज करने का अनुरोध किया था।
वकील ए पी सिंह ने कहा है कि उन्होंने रविवार को उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री में एक अर्जी दाखिल कर खुली अदालत में पवन की सुधारात्मक याचिका पर मौखिक सुनवाई का अनुरोध किया था। दोषियों में केवल पवन के पास ही अब सुधारात्मक याचिका दायर करने का विकल्प बचा था। दक्षिणी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को चलती बस में एक छात्रा से सामूहिक बलात्कार की घटना हुई थी और दोषियों ने बर्बरता करने के बाद उसे बस से फेंक दिया था।
एक पखवाड़े बाद उसकी मौत हो गयी । पवन और एक अन्य दोषी अक्षय सिंह ने भी यहां निचली अदालत का रुख कर मृत्यु वारंट की तामील पर रोक लगाने का अनुरोध किया । निचली अदालत ने याचिकाओं पर तिहाड़ जेल प्रशासन को नोटिस जारी कर अधिकारियों को सोमवार तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। अक्षय ने दावा किया है कि उसने राष्ट्रपति के समक्ष नयी दया याचिका दाखिल की है जो कि लंबित है, जबकि पवन ने कहा है कि उसने उच्चतम न्यायालय के समक्ष सुधारात्मक याचिका दाखिल की है ।