रेप के आरोपी भाजपा विधायक की अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट ने की खारिज
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 19, 2022 03:03 PM2022-07-19T15:03:12+5:302022-07-19T15:09:57+5:30
अरुणाचल प्रदेश के कोलोरियांग से भाजपा विधायक लोकम टसर के खिलाफ एक गर्भवती महिला ने आरोप लगाया है कि टसर ने बीते चार जुलाई को अपने आवास पर उसके साथ कथित तौर पर बलात्कार किया।
ईटानगर: गर्भवती महिला से रेप के आरोपी अरुणाचल प्रदेश के भाजपा विधायक लोकम टसर की अग्रिम जमानत याचिका लोअर कोर्ट ने खारिज कर दी है। ईटानगर पुलिस के मुताबिक कोलोरियांग से भाजपा विधायक रेप का केस दर्ज होने के बाद से फरार हैं और वो 18 जुलाई को संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव में भी वोटिंग देने के लिए विधानसभा नहीं पहुंचे।
पुलिस के मुताबिक भाजपा विधायक टसर के खिलाफ एक गर्भवती महिला ने आरोप लगाया है कि उन्होंने बीते चार जुलाई को अपने आवास पर उसके साथ कथित तौर पर बलात्कार किया। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने रेप का मामले दर्ज करते हुए जैसे ही विधायक टसर के खिलाफ जांच शुरू की, अपनी गिरफ्तारी के डर से वो फरार हो गये हैं।
इस मामले में विधायक टसर ने अग्रिम जमानत के लिए युपिया की सेशन कोर्ट में आवेदन दिया था। जिस पर सुनवाई करते हुए सेशन कोर्ट के जज गोटे मेगा ने कहा, ''इस मामले में प्रथम दृष्टया घटना स्थल पर याचिकाकर्ता और पीड़िता की उपस्थिति पाई जाती है। कथित रेप की घटना पीड़िता के बताये दिन हुई थी या नहीं, यह तो जांच के आधार पर और साक्ष्यों के आधार पर तय होगा। जिसका फैसला अभी जांच के प्रारंभिक दौर में नहीं किया जा सकता है।"
कोर्ट ने कहा, "फिर भी याचिकाकर्ता की स्थिति को देखते हुए यह आवश्यक है कि वह जल्द से जल्द मामले के आईओ (जांच अधिकारी) के सामने खुद को पेश करे और अपने उपर लगे आरोपों की जांच में शामिल हो।"
वहीं मामले में पीड़िता की ओर से दलील देते हुए उसके वकील ने कोर्ट से कहा कि पुलिस इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष को सूचना देकर आरोपी विधायक को गिरफ्तार कर सकती है और इसके लिए अभियोजन पक्ष की मंजूरी की जरूरत नहीं है।
आरोपी विधायक की ओर से कोर्ट में पेश हुए अधिवक्ता खोड़ा तमा ने अपनी दलील में कोर्ट के सामने कहा कि विधायक टसर ने न तो कभी बलात्कार किया और न ही कभी सहमति के साथ पीड़िता के साथ यौन संबंध स्थापित किया। इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट से आरोपी भाजपा विधायक टसर को जमानत देने के अपील करते हुए कहा कि वह हर समय जांच में सहयोग करने के लिए तैयार थे, उन्हें जब भी पड़ताल के बुलाया गया वो गये थे।
हालांकि, जज ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला किया कि पीड़िता के वकील और अभियोजक की दलील में यह मानने के बहुत से कारण हैं, जिनके आधार पर आरोपी विधायक को गिरफ्तारी से पहले जमानत देना उचित नहीं होगा।
इस बीच ईटानगर पुलिस ने कोर्ट में कहा कि वो आरोपी विधायक की गिरफ्तारी का काफी गंभीरता से प्रयास कर रही है। मामले में एसडीपीओ कामदम सिकोम ने कहा कि पुलिस ने विधायक की गिरफ्तारी के लिए नाहरलागुन और ईटानगर स्थित उनके दोनों आवास पर छापेमारी की लेकिन वो नहीं मिले।
एसडीपीओ सिकोम ने कहा, "हम पूरी गंभीरता से प्रयास कर रहे हैं और वो हमें जैसे ही मिलेंगे। हम उन्हें फौरन गिरफ्तार कर लेंगे।"
वहीं इस मामले में मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने बयान जारी करते हुए कहा कि अगर अदालत में आरोपी विधायक टसर के खिलाफ लगे आरोपों को सही पाया जाता है तो पार्टी उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। मुख्यमंत्री खांडू ने कहा, "आरोपी भले ही भाजपा के विधायक हों, कानून से उपर कोई नहीं है और इस मामले में भी कानून निष्पक्ष होकर अपना काम करेगा।" (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)