दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जालसाजों के एक ऐसे अंतरराज्यीय रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसने देश की उच्च सदन में सांसद और राज्यों का गवर्नर बनवाने के नाम पर कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया था।
इस मामले में सीबीआई ने कुल चार लोगों को हिरासत में लिया है, जो ठगी के इस धंधे को कई राज्यों में चला रहे थे और मजे की बात है कि ये गिरोह सीधे राज्यसभा सांसद बनवाने और राज्य के गवर्नर पद नियुक्ति दिलाने के लिए लोगों को अपने झांसे में फांसने का काम करता था।
इस संबंध में सीबीआई के अधिकारियों का कहना है कि अपराध की समीक्षा कर रहे हैं, फिलहाल चार लोगों को पकड़ा है, गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है, जो सफेदपोश चोला पहने समाज में घूम रहे हैं।
सीबीआई द्वारा पकड़े जाने के बाद दर्ज किये गये केस में महाराष्ट्र के लातूर से कमलाकर प्रेमकुमार बंदगर, कर्नाटक के बेलगाम से रवींद्र विट्ठल नाइक और दिल्ली-एनसीआर से महेंद्र पाल अरोड़ा, अभिषेक बूरा और मोहम्मद एजाज खान का नाम शामिल किया गया है।
मामले की जानकारी देते हुए केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि जब सीबीआई इस मामले में गिरफ्तारी को अंजाम दे रहे थे तो उनके अधिकारियों पर हमला हुआ और उस दौरान मौके से एक आरोपी फरार भी हो गया। एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि पकड़े गये लोगों पर मारपीट करने के आरोप में स्थानीय पुलिस थाने में अलग से केस दर्ज कराया है।
सीबीआई का आरोप है कि लातूर से पकड़े गये कमलाकर प्रेमकुमार बंदगर लोगों के सामने खुद को सीबीआई का सीनियर अधिकारी बानकर पेश करता था और लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए उच्च अधिकारियों के साथ अपने "संबंधों" का हवाला देता था। उसने अन्य आरोपियों बूरा, अरोड़ा, खान और नाइक को किसी भी प्रकार लोगों को फसाने के लिए भारी धन का प्रलोभन दिया था।
सीबीआई के आरोपों के अनुसार "सभी आरोपी राज्यसभा में सांसद बनवाने, राज्यपाल बनवाने के अलावा केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों के तहत आने वाले विभिन्न सरकारी संगठनों में अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति के लिए भारी रकम की मांग करते थे और लोगों को ठगने का काम करते थे।
एजेंसी के मुताबिक आरोपी अभिषेक बूरा अन्य आरोपी कमलाकर प्रेमकुमार बांदगर के बारे में लोगों से फर्जी नियुक्तियों के संबंध में चर्चा किया करता था कि कैसे वो अपने कथित कनेक्शन के जरिये इन नियुक्तियों में "महत्वपूर्ण भूमिका" निभाते हैं।
इसके साथ ही सीबीआई केस में आरोप लगाया गया है कि पकड़े गये आरोपी ने 100 करोड़ रुपये लेकर राज्यसभा में सांसद बनवाने के लिए लोगों को झूठा आश्वासन दिया और उनके साथ ठगी का प्रयास किया। सीबीआई के मुताबिक पकड़े गये आरोपी अभिषेक बूरा ग्राहकों के सामने वरिष्ठ नौकरशाहों और नेताओं का नाम लेकर उन्हें प्रभावित करने का प्रयास किया करता था।
इसके अलावा दर्ज केस में यह आरोप भी लगाया गया है कि आरोप बंदगर, जो कि खुद को सीबीआई का वरिष्ठ अधिकारी बताता था। वह विभिन्न पुलिस स्टेशनों में जाकर पुलिस अधिकारियों से अपने परिचित लोगों का पक्ष लेने या उनके खिलाफ चल रहे मामलों की जांच को प्रभावित करने की कोशिश करता था। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)