कर्नाटक के शिमोगा में हुई बजरंग दल कार्यकर्ता की हत्या, इलाके में भारी तनाव
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 21, 2022 06:17 AM2022-02-21T06:17:33+5:302022-02-21T11:43:00+5:30
कर्नाटक के शिमोगा में देर रात करीब 9 बजे भारती कॉलोनी में हर्षा नाम के एक शख्स की बड़ी ही बेरहमी से चाकू मारकर हत्या कर दी गयी। हर्षा बजरंग दल का कार्यकर्ता बताया जा रहा है।
बेंगलुरु:कर्नाटक में बुरका विवाद के कारण धारा 144 है। उसके बाद भी रविवार शाम शिमोगा में 26 साल के एक बजरंग दल कार्यकर्ता की कथित तौर पर चाकू मारकर हत्या कर दी गई।
जानकारी के मुताबिक यह घटना में रात में करीब 9 बजे की बताई जा रही है। शहर की भारती कॉलोनी में हर्षा नाम के एक शख्स की बड़ी ही बेरहमी से चाकू मारकर हत्या कर दी गयी।
घटना की सूचना मिलते ही भारी संख्या में स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच गई। वहीं जानकारी मिलने के बाद बड़ी संख्या में बजरंग दल के कार्यकर्ता अस्पताल के आसपास जमा हो गए, जहां हर्षा का शव पोस्टमार्टम के लिए लाया गया था।
खबरों के मुताबिक इस हत्याकांड के बाद से पूरे शिमोगा और आसपास के इलाकों में स्थिति तनावपूर्ण है। इस वजह से जिला प्रशासन ने शहर में सुरक्षा व्यवस्था को काफी कड़ी कर दी है और पुलिस पूरे क्षेत्र में लगातार चक्रमण कर रही है।
पुलिस के पास अभी तक मामले में ज्यादा जानकारी नहीं मिल पायी है। पुलिस हत्या के कारणों की तलाश कर रही है। लेकिन अभी तक हत्यारों के बारे में या कत्ल की वजह के बारे में पुलिस के पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं है।
कर्नाटक में चल रहे बुरका विवाद के बाद स्थिति लगातार विस्फोटक होती जा रही है और अब बजरंग दल के कार्यकर्ता की हत्या से माहौल में और भी तनाव आ गया है।
मालूम हो कि बीते दिसंबर महीने में कर्नाटक के उडुपी जिला में बुरका विवाद उस वक्त पैदा हुआ था। जब एक सरकारी स्कूल की कक्षा 9 की एक छात्रा को स्कूल प्रबंधन के आदेश पर कक्षा में जाने से पहले हिजाब उतारना पड़ा था।
वहीं शिमोगा में भी 13 छात्राओं ने जब स्कूल में हिजाब हटाने से इनकार कर दिया था तो उन्हें कैंपस में प्रवेश से रोक दिया गया था। तनाव बढ़ने के कारण बोम्मई सरकार ने कई दिनों तक स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने का आदेश दिया था।
विवाद बढ़ने के बाद यह मामला कर्नाटक हाईकोर्ट के पास पहुंचा। मामले में सुनावाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि स्कूल और कॉलेज खोले जाएं लेकिन शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए बुरका सहित किसी भी धार्मिक कपड़ों या धर्म प्रतीकों के साथ छात्र-छात्राओं को स्कूलों में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
वहीं इसके साथ ही सत्ता के गलियारों में बुरका विवाद पर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं। भाजपा समेत उसके अन्य सहयोगी दलों की दलील है कि कुरान में बुरका का कहीं भी उल्लेख नहीं है। इसलिए यह विवाद बेवजह किया जा रहा है।
वहीं कांग्रेस और ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने बुरके का समर्थन करते हुए इसे खानपान और पहनावे की स्वतंत्रता के साथ जोड़ते हुए कहा बुरका पहनना या न पहनना व्यक्तिगत मामला है और इसे किसी भी इंस्टीट्यूशन द्वारा दबाव के आधार पर पहनने से नहीं रोका जा सकता है।