बुलंदशहर हिंसा का मुख्य आरोपी योगेश राज को जेल से रिहा हो गया है। योगेश राज को इलाहाबाद हाई कोर्ट से 26 सितंबर 2019 को जमानत मिली थी। जमानत के आदेश मिलने के बाद योगेश राज को रिहा किया गया है। बुलंदशहर में तीन दिसंबर 2018 को गोकशी के बाद हुई हिंसा में गोली लगने के कारण पुलिस अधिकारी सुबोध कुमार सिंह (44) की हत्या हो गई थी। इस हिंसा में एक आम नागरिक सुमीत कुमार (20) और एक अन्य की भी मौत हो गई थी।
बुलंदशहर हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या में बजरंग दल का एक स्थानीय नेता योगेश राज पर भी आरोप था। जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया था। इस मामले का एक अन्य आरोपी बीजेपी युवा मोर्चा कार्यकर्ता शिखर अग्रवाल पहले से ही जमानत पर बाहर है।
योगेश राज को 2 जनवरी 2019 को गिरफ्तार किया गया था। बुलंदशहर हिंसा में जब पुलिस द्वारा बताया गया था कि मुख्य आरोपी योगेश राज है तो योगेश राज ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किया था। इस वीडियो में वह कह रहा था कि भगवान इंसाफ करेगा और उसे भगवान पर पूरा भरोसा है। योगेश ने कहा, पुलिस ने इसे इस तरीके से पेश किया है जैसे मानिए मेरा कोई लंबा आपराधिक रिकॉर्ड रहा हो।
जानें योगेश राज के बारे में
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, योगेश राज पहले एक प्राइवेट नौकरी करता था। साल 2016 में योगेश बजरंग दल का जिला संयोजक बना। बजरंग दल का जिला संयोजक बनने के बाद वह नौकरी को छोड़कर पूरी तरह संगठन के लिए काम करने लगा। योगेश राज के घर की दीवार पर अखंड भारत का नक्शा भी है। इसमें जिक्र है कि भारत कब-कब बंटा है।
पहले भी कई मामले योगोश राज पर हो चुके हैं दर्ज
योगेश राज स्याना के नया बांस गांव का निवासी है। इसपर पहले से भी कई मामले दर्ज हैं। कई विवादों में इसका नाम आ चुका है। पुलिस ने इसपर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 302, 333, 353, 427, 436, 394 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की थी। हिंसा को भड़काने के लिए आरोपी अपने साथ एक मंडली को भी लेकर गया था।