मेरठ (उप्र), 27 जनवरीःउत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में पिछले साल दिसम्बर में भीड़ की हिंसा में मारे गये एक इंस्पेक्टर का सरकारी मोबाइल फोन मुख्य आरोपी के घर से बरामद किया गया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भीड़ की हिंसा में मारे गये इंस्पेक्टर का फोन उस व्यक्ति के आवास से मिला है, जिसने कथित रूप से उन्हें गोली मारी थी। हालांकि आरोपी प्रशांत की पत्नी ने आरोप लगाया है कि पुलिस मोबाइल अपने साथ लाई थी और प्रशांत के कमरे से झूठी बरामदगी दिखा दी।
गौरतलब है कि गत तीन दिसंबर को स्याना कोतवाली क्षेत्र में यह घटना हुई थी। गोकशी के संदेह के बाद उग्र भीड़ की पुलिस के साथ झड़प हो गई थी। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्य आरोपी प्रशांत नट के घर से शनिवार को इंस्पेक्टर सुबोध कुमार का फोन सीयूजी (क्लोजड यूजर ग्रुप) नम्बर के साथ बरामद किया गया। इसके अलावा पांच और फोन भी बरामद किये गये है।
नट ने हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर को कथित रूप से गोली मारी थी। नट को सिकंदराबाद से 18 दिसम्बर को गिरफ्तार किया गया था और इस समय वह जेल में है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) अतुल कुमार श्रीवास्तव ने बताया, ‘‘हमें सूत्रों से सूचना मिली थी कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार का फोन नट के घर में हो सकता है और इसके लिए अदालत से हमने तलाशी वारंट लिया।’’
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘तलाशी के दौरान इंस्पेक्टर का सीयूजी मोबाइल फोन नट के घर से बरामद हुआ। कुछ और फोन भी मिले है और सभी फोन को फोरेंसिक प्रयोगशाला भेजा गया है।’’ उन्होंने बताया कि इंस्पेक्टर पर गोली चलाने के लिए इस्तेमाल की गई पिस्तौल का अभी पता नहीं लग सका है और ‘‘उसकी तलाश जारी है।’’
हिंसा के दौरान चिंगरावठी निवासी सुमित कुमार (20) की भी मौत हो गई थी। हिंसा के आरोप में कम से कम 80 लोगों के खिलाफ स्याना पुलिस थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
स्याना के क्षेत्राधिकारी (सीओ) राघवेंद्र मिश्रा ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘अब तक इस सिलसिले में 38 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।’’ गत तीन दिसम्बर को गो हत्या के सिलसिले में एक अलग प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।