उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई हिंसा मामले में आरोपी सेना के जवान जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू ने यूपी एसटीएफ के सामने यह कबूल किया है कि वह उस दौरान मौके पर मौजूद था। एसटीएफ के मुताबिक जीतू ने स्वीकार किया कि वह घटना के समय वहां मौजूद था। हालांकि अभी यह बात साफ़ नहीं हुई है कि जीतू ने ही इंस्पेक्टर सुबोध कुमार और सुमित को गोली मारी थी।
जीतू ने एसटीएफ को बताया है कि वह वहां ग्रामीणों के साथ गया था लेकिन उसने पुलिस पर पत्थरों वार करने की बात को सिरे से इनकार कर दिया है। फिलहाल पुलिस जीतू के मोबाइल को फोरेंसिक जांच के लिए भेजेगी।
बता दें कि जितेंद्र मलिक उर्फ फौजी को बुलंदशहर हिंसा का आरोपी बताया जा रहा है। गोकशी के नाम से शुरू हुई इस घटना में इन्स्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और चिंगरावठी के रहने वाले सुमित की मौत हो गई थी। इस मामले में पांच और अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस महानिरीक्षक (अपराध) एस के भगत ने संवाददाताओं को बताया कि बुलंदशहर के स्याना में गत तीन दिसंबर को स्याना कोतवाली के पुलिस निरीक्षक सुबोध सिंह की हत्या के मामले में जीतू नामक सैन्यकर्मी नामजद अभियुक्त है। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक वह जम्मू कश्मीर में तैनात है। पुलिस की एक टीम वहां गई है और उम्मीद है कि जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि घटना में जीतू की क्या भूमिका थी यह विशेष जांच दल (एसआईटी) की तफ्तीश में पता चलेगा। भगत ने बताया कि निरीक्षक हत्याकांड मामले में चंद्र, रोहित, सोनू, नितिन और जितेंद्र नामक अभियुक्तों को आज गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में अब तक कुल नौ अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि आज गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में कोई भी नामजद मुलजिम नहीं था। इन सबकी पहचान घटना के वीडियो फुटेज और चश्मदीदों की गवाही के आधार पर की गई है। इन सभी से पूछताछ की जा रही है।भगत ने बताया कि मामले के अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं।
उन्होंने बताया कि अपर पुलिस महानिदेशक (अभिसूचना) एसबी शिरोडकर द्वारा इस मामले में की गई जांच की गोपनीय रिपोर्ट आज सक्षम अधिकारी को भेज दी गई है।भगत ने एक अन्य सवाल पर बताया कि एसआईटी की जांच रिपोर्ट में अभी कुछ समय लग सकता है क्योंकि वह वारदात के एक-एक पहलू पर गौर करके छानबीन की जा रही है।
मालूम हो कि गत तीन दिसंबर को बुलंदशहर के स्याना इलाके के चिंगरावटी क्षेत्र में गोकशी के मामले को लेकर उग्र भीड़ की हिंसा में थाना कोतवाली में तैनात इंस्पेक्टर सुबोध सिंह तथा सुमित नामक एक अन्य युवक की मृत्यु हो गई थी। इस मामले में 27 नामजद लोगों तथा 50-60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
(भाषा इनपुट के साथ )