बिहार में भाजपा विधायक मिश्री लाल यादव को कोर्ट से नहीं मिली राहत, सजा बरकरार, भेजे गए जेल
By एस पी सिन्हा | Updated: May 23, 2025 17:29 IST2025-05-23T17:29:26+5:302025-05-23T17:29:26+5:30
एडीजे- 3 सुमन कुमार दिवाकर के अदालत में हुई सुनवाई के दौरान उनकी याचिका को रद्द कर दिया गया। जिससे उनकी सजा अब भी बरकरार रहेगी।

बिहार में भाजपा विधायक मिश्री लाल यादव को कोर्ट से नहीं मिली राहत, सजा बरकरार, भेजे गए जेल
पटना: बिहार में दरभंगा के अलीनगर से भाजपा विधायक मिश्री लाल यादव को उस वक्त झटका लगा जब दरभंगा कोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिली। कोर्ट ने शुक्रवार को उनकी याचिका को रद्द करते हुए उनकी सजा को बरकरार रखा है। जिसके बाद विधायक को फिर से जेल भेज दिया गया है। इससे पहले पुलिस कस्टडी में भाजपा विधायक मिश्री लाल यादव जेल से अदालत लाया था। मारपीट मामले में तीन महीने की सजा के खिलाफ भाजपा विधायक अपील पर आज दरभंगा अदालत में फैसला आना था। जिसके कारण आज कोर्ट पर सभी की नजरें थी।
एडीजे- 3 सुमन कुमार दिवाकर के अदालत में हुई सुनवाई के दौरान उनकी याचिका को रद्द कर दिया गया। जिससे उनकी सजा अब भी बरकरार रहेगी। इस मामले में लोक अभियोजक रेणु झा ने बताया कि मिश्री लाल यादव के खिलाफ दो मामले दर्ज किए गए थे। जिसमें एक मामले में उन्हें तीन महीने की सजा सुनाई गई थी। जिसके विरुद्ध उन्होंने अपील की थी, जो खारिज कर दी गई है।
वहीं दूसरे मामले में उनके खिलाफ आरोप साबित हो गए हैं। जिस पर दो साल की सजा का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि इस पर आगामी 27 मई को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। अगर कोर्ट मिश्री लाल यादव को दो साल की सजा सुनाती है तो न सिर्फ उन्हें अपने विधायकी गंवानी पड़ेगी बल्कि आने वाले विधानसभा चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे।
बता दें कि विधायक मिश्रीलाल यादव ने अदालत के फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी। फैसले में विधायक को तीन महीने का कारावास और 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया था। दरभंगा में विशेष अदालत के न्यायाधीश-सह-अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट करुणा निधि प्रसाद आर्य ने 29 जनवरी 2019 को उमेश मिश्रा नामक व्यक्ति को जानबूझकर चोट पहुंचाने के लिए फरवरी 2025 में दोनों आरोपियों को तीन महीने के कारावास की सजा सुनाई थी। पूरा मामला जनवरी 2019 का है। विधायक मिश्री लाल यादव के खिलाफ समैला निवासी उमेश मिश्र ने एक मामला दर्ज कराया था।
उमेश मिश्रा ने आरोप लगाया था कि 29 जनवरी 2019 की सुबह छह बजे मार्निंग वॉक के दौरान विधायक मिश्री लाल यादव, सुरेश यादव के साथ करीब बीस से 25 लोगों ने कदम चौक पर घेर कर उनके ऊपर हमला कर दिया था। जिसमें वह घायल हो गए थे। उमेश मिश्रा ने यह भी आरोप लगाया था कि सुरेश यादव ने मारपीट करने के बाद जेब से 2300 रुपये भी निकाल लिए थे।
इस पूरी घटना में जांच अधिकारी ने 12 अक्तूबर 2019 को चार्जशीट दाखिल की थी। 17 अप्रैल 2020 को कोर्ट ने संज्ञान लिया था। हालांकि विधायक मिश्री लाल यादव ने इस पूरे केस को झूठा और राजनीति से प्रेरित बताया था। उनका कहना है कि उनको उम्मीद है कि न्यायालय से न्याय मिलेगा।