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बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में उम्रकैद की सजा पाए सभी 11 दोषी रिहा, जानिए क्या था पूरा मामला

By शिवेंद्र राय | Updated: August 16, 2022 11:23 IST

2002 के गुजरात दंगो के दौरान अहमदाबाद के रंधिकपुर में रहने वाली 19 साल की बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। बिलकिस उस समय पांच माह की गर्भवती थीं। हमले में बिलकिस बानो के परिवार के सात लोगों की हत्या भी कर दी गई थी।

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ठळक मुद्देगुजरात में 2002 दंगों के बाद बिलकिस बानो के घर पर हमला किया गया थाबिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया दोषियों को 15 साल की सजा काटने के बाद रिहा किया गया है

अहमदाबाद: साल 2002 के गुजरात दंगों के दौरान हुए बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में उम्रकैद की सजा पाए सभी 11 दोषी को रिहा कर दिया गया है। 2002 में गोधरा में कारसेवकों से भरी ट्रेन जलाए जाने के बाद पूरे राज्य में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे। दंगो के दौरान ही मार्च, 2002 में गर्भवती बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ था। दंगों के दौरान जमकर हिंसा भी हुई थी और हजारों लोगों की जान गई थी। बिलकिस बानो के परिवार के भी सात सदस्यों को मार डाला गया था और बिलकिस को सामूहिक बलात्कार का दंश झेलना पड़ा था।

बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में उम्रकैद की सजा पाए सभी दोषियों को गुजरात सरकार की माफी योजना के तहत रिहा किया गया। रिहा किए गए सभी 11 दोषियों ने जेल में 15 साल की सजा काट ली थी। 15 साल की सजा पूरी हो जाने के बाद इन 11 में से एक ने अपने वकील के माध्यम से समयपूर्व रिहाई के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया था। इसके बाद शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार को इस मामले में निर्देश दिए थे कि क्या इन्हें राज्य सरकार द्वारा माफी दी जा सकती है? गुजरात सरकार ने अपनी क्षमा नीति के तहत सभी दोषियों की रिहाई को मंजूरी दी। इसके बाद सभी 11 दोषी सोमवार को गोधरा उप कारागार से रिहा हो गए।

दंगों के दौरान  बिलकिस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के आरोप में मुंबई में एक स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने 21 जनवरी 2008 को सभी दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सजा के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील करने पहुंचे दोषियों को राहत नहीं मिली और बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी उनकी सजा बरकरार रखी। 15 साल की सजा काटने के बाद जब एक दोषी ने सर्वोच्च न्यायालय में समय पूर्व रिहाई की याचिका दायर की तब शीर्ष अदालत के निर्देश पर गुजरात सरकार ने पंचमहल के कलेक्टर सूजल माएत्रा की अगुवाई में एक समिति का गठन किया था। 

गुजरात सरकार की माफी योजना के तहत जिन लोगों को रिहा किया गया उनमें जसवंतभाई नई, गोविंदभाई नई, शैलेश भट्ट, राधेशम शाह, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहानिया, प्रदीप मोर्धिया, बकाभाई वोहानिया, राजूभाई सोनी, मितेश भट्ट और रमेश चंदना शामिल हैं।

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