पटना: बिहार के पूर्णिया जिले में फिरौती के लिए लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अपहृत नेता 38 साल के अनिल उरांव की हत्या कर दी गई है. फिरौती की रकम लेने के बाद अपहर्ताओं ने इस घटना को अंजाम दिया है. शहर के खजांजीहाट थाना इलाके के ढगराहां में उनका शव मिला.
अनिल उरांव का अपहरण 29 अप्रैल को हुआ था. जिसमें 10 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी. परिजनों ने फिरौती की रकम भी पहुंचाई भी, लेकिन फिरौती देने के बावजूद अपहर्ताओं ने उनकी हत्या कर दी. आशंका जताई जा रही है कि गोली मारने से पहले उनकी पिटाई की गई है.
अपह्रत लोजपा नेता का 72 घंटे बाद शव मिला है. शव मिलने के बाद परिजनों समेत अन्य लोगों के द्वारा शहरी क्षेत्रों में सडक जाम कर आगजनी के अलावा तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया. फिलहाल पुलिस पूरी स्थिति को नियंत्रित करने में जुटी है.
लोग सडक पर उतर कर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए नारे लगा रहे हैं. गुलाब बाग जीरोमाइल से जिला मुख्यालय तक जाम कर दिया. पूर्णिया कोर्ट स्टेशन परिसर में भी तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया गया. रेल की पटरी पर पाइप रख कर ट्रेन का परिचालन भी प्रभावित किया गया.
लोजपा आदिवासी प्रकोष्ठ के बिहार प्रदेश अध्यक्ष थे अनिल उरांव
अनिल उरांव लोजपा आदिवासी प्रकोष्ठ के बिहार प्रदेश अध्यक्ष थे. वह 2015 और 2020 में कटिहार जिला के मनिहारी से विधानसभा चुनाव लड चुके हैं. लेकिन दोनों बार उनकी हार हुई. पूर्व में पूर्णिया के बेला रिकाबगंज पंचायत के मुखिया रह चुके हैं.
शुक्रवार को अपहर्ताओं ने लोजपा नेता अनिल उरांव का अपहरण कर लिया था. इसके बाद परिजनों से फिरौती के तौर पर 10 लाख रुपए मांगे थे. परिजनों ने अपहृर्ताओं द्वारा बताए गए पते पर 10 लाख रुपये बनभाग बांध के पास पहुंचा दिया गया, जहां बिना नंबर प्लेट की लाल रंग के पल्सर बाइक से दो नकाबपोश युवक आये और कैश से भरा बैग लेकर भाग खड़े हुए.
अनिल उरांव का घर पूर्णिया कोर्ट स्टेशन के बगल में जेपी नगर में है. उनके पिता जे पी उरांव भी आदिवासियों के बड़े नेता थे. अनिल उरांव की बहन सीमा उरांव पूर्व में बिहार महिला आयोग के सदस्य थी. सीमा उरांव ने ही शुक्रवार शाम में खजांची हाट थाना में अनिल उरांव के अपहरण की लिखित शिकायत की थी इसके बावजूद अभी तक बरामद नहीं होने से लोगों में काफी नाराजगी है. पुलिस ने प्रथम दृष्टया अनुसंधान के तहत कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है. प्रेम प्रसंग समेत जमीनी विवाद का भी मामला सामने आ रहा है. बताया जाता है कि पुलिस एक महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ भी कर रही है.
परिजनों का यह भी आरोप है कि यदि पुलिस सक्रिय रहती तो अनिल उरांव की जान बच सकती थी. हालांकि पुलिस के द्वारा कई एंगल पर भी जांच पडताल शुरू कर दी गई है. पुलिस अधीक्षक दयाशंकर ने बताया कि मामले पर उनकी नजर बनी हुई है और जल्द ही इस मामले का खुलासा कर दिया जाएगा.
चिराग पासवान ने नीतीश सरकार पर साधा निशाना
लोजपा नेता अनिल उरांव की हत्या पर लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने दुख जताया है. ट्विटर पर उन्होंने लिखा कि अनिल उरांव बेहद मिलनसार थे अपहरण कर उनकी हत्या की गई है. अनिल उरांव के अपहरण की सूचना मिलने के बाद वे दो जिले के पुलिस अधीक्षक से संपर्क में थे ताकि किसी तरह उनकी जान बच सके लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
चिराग पासवान ने कहा उनकी हत्या ने एक बार फिर बिहार में कानून व्यवस्था की हकीकत को बयां किया है. इस दुख की घड़ी में उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और ईश्वर से कामना करता हूं कि उनके परिजनों को शक्ति प्रदान करे.