भागलपुर बम धामके की जांच कर रही एटीएस खंगाल रही है आतंकी कनेक्शन
By एस पी सिन्हा | Published: March 5, 2022 07:09 PM2022-03-05T19:09:39+5:302022-03-05T19:16:20+5:30
बिहार के भागलपुर में हुए बम विस्फोट मामले की जांच कर रही एटीएस इस बात का पता लगाने में जुटी है कि बारूद के इस खेल की जड़ में आखिर कौन-कौन है। बताया जा रहा है कि विस्फोट इतना भयानक था कि उसकी धमक कई किलोमीटर तक महसूस की गई थी।
पटना: बिहार के भागलपुर में हुए बम विस्फोट मामले की जांच अब जिला पुलिस के साथ-साथ एटीएस भी कर रही है। आतंकवाद निरोधक दस्ता घटनास्थल पर पहुंचकर पूरे मामले की जांच कर रही है। जिला पुलिस बम विस्फोट की इस घटना को अवैध पटाखा निर्माण से जेड़कर देख रही है।
लेकिन धमाके में प्रयोग हुए विस्फोट किसी और ही कहानी की ओर इशारा कर रहे हैं। फैक्ट्री में हुआ विस्फोट मजह एक हादसा है या फिर तातारपुर थाना क्षेत्र के काजवलीचक मोहल्ले के मकान में कुछ और पक रहा था?
विस्फोट की तीव्रता को देखते हुए एटीएस की टीम आतंकी एंगल से भी मामले की जांच कर रही है। मोहम्मद आजाद के मकान में चलने वाले ग्रिल कारखाने में विस्फोटक रखे जाने की शक पर एसआईटी ने शुक्रवार की रात हबीबपुर के चमेलीचक-मोअज्ज्मचक स्थित आजाद के पुश्तैनी घर पर छापेमारी की।
इस दौरान आजाद के दो भाइयों शोल्जर और शहजाद को भी हिरासत में लिया गया है। दोनों से हबीबपुर थाने में पूछताछ की जा रही है।काजीवलीचक के जिस मकान में यह धमाका हुआ उसका मालिक मोहम्मद आजाद है, जो घटना के बाद से फरार है।
एटीएस की टीम इस बात का पता लगाने में जुटी है कि बारूद के इस खेल की जड़ में आखिर कौन-कौन है। बताया जा रहा है कि विस्फोट इतना भयानक था कि उसकी धमक कई किलोमीटर तक महसूस की गई थी। धमाके से आस-पास के कई मकान ध्वस्त हो गये।उससे साबित होता है कि धमाका केवल पटाखा बनाने के लिए नहीं हो रहा था।
बताया जाता है कि पड़ोसियों ने भी एटीएस के सामने खुलकर बयान दिये हैं कि यहां सरेआम दशहत मचाने वाला बम तैयार किया जाता था। पुलिस को मौके पर जांच के दौरान भी कुछ ऐसे ही साक्ष्य बरामद हुए हैं।
घर के भीतर से काफी मात्रा में कील भी बरामद हुए हैं। जिससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां केवल पटाखा बनाने के लिए बारूद का उपयोग नहीं किया जाता होगा बल्कि अपराधियों द्वारा प्रयोग किया जाने वाले घातक बम भी बनाया जाता था।
जांच के दौरान कई सारे केमिकलों की भी बरामदगी की बात सामने आ रही है यानी यह भी स्पष्ट है कि पटाखा में इस्तेमाल किये जाने वाले विस्फोटकों को घातक बम बनाने में इन केमिकल का उपयोग होता होगा।
प्रशासन की ओर से मिली जानकारी के अनुसार एफएसएल के एक्सपर्ट ने घटनास्थल पर आकर जांच की और सैंपल भी ले गए। प्रशासन की ओर से मामले की पूरी रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी गई है। डीआईजी ने बताया कि पुलिस हर स्तर पर मामले की जांच कर रही है।
पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि बारूद किस वजह से फटा। सैंपल की जांच के बाद ही साफ हो सकेगा कि विस्फोटक क्या था और इसकी कितनी मात्रा रही होगी? वैसे मलबा हटाने के क्रम में 8-10 किलो बारूद मिले, जिन्हें जिला पुलिस द्वारा नष्ट कर दिया गया है।
पुलिस को धमाके में आमोनियम, सल्फर समेत अन्य विस्फोटकों के भंडारण का पता चला है। एसआइटी आजाद और उसके भाइयों का अतीत भी खंगाला रही है साथ ही पुलिस चमेलीचक में आजाद के जमीन-मकान खरीदने के पीछे के सच का भी पता लगा रही है।
जानकार बताते हैं कि भागलपुर का धमाका जिस स्तर का है वो पटाखा बनाने वाले साधारण बारूद से नहीं हो सकता। तबाही का मंजर बताता है कि यह कोई शक्तिशाली बम तैयार करने के दौरान हुई घटना से ही संभव है।
विशेषज्ञों ने बताया कि इस तरह का विस्फोट डाइनामाइट तैयार करने वाले या जिलेटिन की छड के कंपाउंड से ही संभव है। हालांकि अधिकारियों के द्वारा इसकी जांच होना अभी बाकी है। एटीएस की टीम अब धमाके में कथित तौर पर आतंकी कनेक्शन होने की भी जांच कर रही है।