उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के छह दिन बाद वारदात के मुख्य आरोपी विकास दुबे का एक साथी बुधवार की सुबह हमीरपुर जिले में पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के साथ मुठभेड़़ में मारा गया। एसटीएफ के महानिरीक्षक अमिताभ यश ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि विकास दुबे का साथी अमर दुबे हमीरपुर के मौदहा में एक मुठभेड़ में मारा गया। उन्होंने बताया कि दुबे पर 25000 रुपये का इनाम घोषित था और वह पिछले हफ्ते चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में बदमाशों द्वारा घात लगाकर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में शामिल था।
अधिकारी ने बताया कि इस जघन्य वारदात का मुख्य आरोपी ढाई लाख का इनामी गैंगस्टर विकास दुबे अब भी फरार है। उसकी तलाश में पुलिस की अनेक टीमें लगी हुई हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ हम उसे पकड़ने की कोशिश में लगे हैं और हमारे दल कार्यरत हैं।’’ गौरतलब है कि गत दो-तीन जुलाई की दरमियानी रात करीब एक बजे गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गए पुलिस दल पर उसके गुर्गों ने ताबड़तोड़ गोलियां चला कर एक पुलिस क्षेत्राधिकारी, तीन दारोगा और चार कॉन्स्टेबल की हत्या कर दी थी।
वहीं कुख्यात अपराधी विकास दुबे के घर के बाहर हुई मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों के शहीद होने की घटना के बाद पुलिस ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। इस बीच पुलिस को हरियाणा के फरीदाबाद में विकास दुबे छिपे होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद फरीदाबाद पुलिस ने एक होटल पर छापा मारा, जहां से उसने विकास के दो साथियों को गिरफ्तार किया है।
चौबेपुर थाने में तैनात सभी 68 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर
आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद सवालों के घेरे में आए चौबेपुर थाने मैं तैनात सभी 68 पुलिसकर्मियों को मंगलवार रात लाइन हाजिर कर दिया गया। इसके अलावा सरकार ने आरोपों से घिरे कानपुर के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भी स्थानांतरित कर दिया गया है। पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि चौबेपुर थाने में तैनात उपनिरीक्षक, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल समेत 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करने का यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि बिकरू कांड के बाद उनकी कर्तव्यनिष्ठा संदेह के घेरे में आ गई थी।