आगरा धर्मपरिवर्तनः गिरफ्त में अब्दुल रहमान कुरैशी, विदेशी फंडिंग लिंक मिले
By राजेंद्र कुमार | Updated: July 22, 2025 18:07 IST2025-07-22T18:06:36+5:302025-07-22T18:07:48+5:30
Agra religious conversion: आगरा पुलिस ने तीन दिन पहले गोवा से आयशा, जयपुर से मोहम्मद अली, कोलकाता से ओसामा, पश्चिम बंगाल से दो, उत्तराखंड से एक, दिल्ली से एक, राजस्थान से तीन और उत्तर प्रदेश से दो लोगों को गिरफ्तार किया था.

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आगराः उत्तर प्रदेश में आगरा धर्मांतरण कांड में पकड़े गए अब्दुल रहमान उर्फ अब्दुल चचा से पुलिस को अवैध धर्मांतरण में शामिल लोगों को विदेशी फंडिंग मिलने की जानकारी भी हाथ लगी है. इसी के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आगरा में पकड़े गए अवैध धर्मांतरण में लिप्त इस गिरोह को हो रही विदेशी फंडिंग की भी कड़ियां खोलने का फैसला किया है. अभी ईडी के अधिकारी गिरोह के विरुद्ध दर्ज एफआईआर और जांच में सामने आए तथ्यों की पड़ताल कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि जल्द ईडी इस मामले में भी मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू करेगा.
विदेशी फंडिंग के लिंक मिले
फिलहाल ईडी के अफसर बलरामपुर में अवैध धर्मांतरण का सिंडीकेट चलाने वाले मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसके गिरोह के सदस्यों को विदेशों से हुई फंडिंग की जांच कर रहा है. इसी क्रम में आगरा पुलिस द्वारा मिशन अस्मिता के तहत आगरा धर्मांतरण कांड में 10 लोगों को गिरफ्तार किया.
आगरा धर्मांतरण कांड के सरगना अब्दुल रहमान उर्फ अब्दुल चचा को पुलिस ने दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके से गिरफ्तार किया है. अब्दुल खुद कन्वर्टेड मुस्लिम है. 35 साल पहले वह महेंद्र पाल जादौन से ईसाई बना और फिर कुछ साल बाद मुस्लिम धर्म स्वीकार कर अब्दुल रहमान बन गया. उसकी पत्नी और दोनों बेटों की पत्नियां भी कन्वर्टेड मुस्लिम हैं, जो पहले हिंदू थी.
पुलिस अब्दुल रहमान को ही आगरा धर्मांतरण कांड का मुख्य आरोपी मान रही है. अब्दुल के पास से धर्मांतरण से जुड़ी कई किताबें भी बरामद की हैं. ये किताबें मौलाना कलीम सिद्दीकी ने लिखी थीं, लेकिन बांटता अब्दुल रहमान ही था.आगरा पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार के अनुसार, यह गैंग लव जिहाद भी करता था. इसकी फंडिंग अमेरिका और कनाडा से होती थी.
अब तह की जांच में पता चला कि यह गैंग सैकड़ों लोगों का धर्मांतरण करा चुका है और अपने नेटवर्क को मजबूत करने में जुटा था. इस गिरोह के कनाडा, अमेरिका, लंदन, दुबई व अन्य देशों से फंडिंग के भी साक्ष्य मिले हैं. अब यह पता लगाया जा रहा है कि इस गिरोह को विदेश से कितनी रकम भेजी गई है. उस रकम का उपयोग कहां-कहां किन कार्यों में किया जा रहा था. अब इस पड़ताल में ईडी भी जल्दी जुड़ेगी.
इस तरफ पकड़ में आया यह गिरोह
आगरा में अवैध धर्मांतरण कराने में लगा यह गिरोह जब पुलिस की नजर में आया जब इस साल मार्च में आगरा में दो बहनें (33 और 18 वर्ष) लापता हो गईं. एक बहन ने सोशल मीडिया पर हथियार के साथ तस्वीर पोस्ट की थी. इसके बारे में पुलिस न पड़ताल की तो पता चला कि उसका धर्म परिवर्तन कराया गया.
धर्मांतरण करने वाले को यह गिरोह आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराता था. इस गिरोह का तौर-तरीका आईएसआईएस की शैली से मिलता-जुलता है. आगरा पुलिस ने तीन दिन पहले गोवा से आयशा, जयपुर से मोहम्मद अली, कोलकाता से ओसामा, पश्चिम बंगाल से दो, उत्तराखंड से एक, दिल्ली से एक, राजस्थान से तीन और उत्तर प्रदेश से दो लोगों को गिरफ्तार किया था.
आयशा और मोहम्मद अली की पूछताछ में अब्दुल रहमान के नाम का खुलासा हुआ. रहमान यूट्यूब चैनल और पॉडकास्ट के जरिए इस्लामी कट्टरपंथ का प्रचार करता था. वहीं, ओसामा लड़कियों को 'इस्लामी बहन' बनाने की ट्रेनिंग देता था. इन लोगों को विदेशों से फंडिंग हो रही थी. इसमें अब्दुल का कनाडा में रह रहा भतीजा भी शामिल बताया जा रहा है.