अभया मर्डर केस: दोषी पादरी और नन को उम्रकैद की सजा, 28 साल बाद सिस्टर को मिला न्याय

By अमित कुमार | Published: December 23, 2020 01:07 PM2020-12-23T13:07:45+5:302020-12-23T13:37:13+5:30

केरल की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने 28 साल पुराने सिस्टर अभया मर्डर केस में हत्या के दोषी पादरी और नन को उम्रकैद की सजा दे दी है। इसके साथ ही इन पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

Abhaya murder case Priest nun sentenced to life imprisonment by CBI court | अभया मर्डर केस: दोषी पादरी और नन को उम्रकैद की सजा, 28 साल बाद सिस्टर को मिला न्याय

पादरी और नन को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद। (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)

Highlights1992 में हुई इस घटना में 28 साल बाद अब कोर्ट ने इसका फैसला सुनाया है।इस मामले में सुनवाई पिछले साल 26 अगस्त को शुरू हुई और कई गवाह मुकर गए। सीबीआई ने 2008 में अभया मर्डर केस मामले की जांच अपने हाथ में ली थी।

कैथोलिक नन सिस्टर अभया को आखिरकार 28 साल बाद न्याय मिला। केरल की एक अदालत ने 23 दिसंबर यानी कि आज इस केस में दोषी पाए गए दो लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई है।  इसके साथ ही इन पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। 1992 के मार्च महीने में किए गए इस हत्या को लेकर 28 सालों तक जांच चलती रही। इस केस में सुनवाई के दौरान 49 गवाह मुकर गए थे। लेकिन अदालत ने स्थितिजन्य साक्ष्यों और अडक्का राजा नामक एक चोर के बयान को सबूत के रूप में स्वीकार किया। 

इसके आधार पर सीबीआई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। चोर ने अपने बयान में अदालत को बताया था कि वह उस दिन चोरी के इरादे से चर्च के हॉस्टल में गया था। लेकिन वहां पादरियों को अभया को कुएं में फेंकते देख लिया था। जिसके बाद वह चुपचाप वहां से वापस चला आया था। चोर ने दोनों अपराधियों की पहचान भी कर ली थी। इसके बाद अदालत ने दोनों ही आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुना दी। 

अदालत ने कहा कि फादर थॉमस कोट्टूर और सिस्टर सेफी के खिलाफ हत्या के आरोप साबित होते हैं। इस मामले में अन्य आरोपी फादर फूथराकयाल को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है। युवा नन के सेंट पियूस कॉन्वेंट के कुएं में से मृत मिलने के 28 साल बाद अदालत का फैसला आया है। वह कॉन्वेंट में रहती थी। अभया के माता-पिता की कुछ साल पहले मौत हो गई थी। वे अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के इंतजार में ही गुजर गए। 

जानें क्या था पूरा मामला

केरल में कोट्टायम के एसटी पीयुस कॉन्वेंट के एक कुएं में सिस्टर अभया को 27 मार्च 1992 की लाश मिली थी। जिससे पुलिस ने शुरुआती जांच के बाद आत्महत्या बताया था। लेकिन सीबीआई के आरोप-पत्र के अनुसार, घटना के दिन सिस्टर अभया को एग्जाम देना था। इसलिए वह सुबह चार बजे ही उठकर किचन पानी लेने चली गई थी। इस दौरान उसने दो पादरियों और एक नन- थॉमस कुट्टूर, जोस पूथरुकायिल, और सिस्टर सेफी को ‘आपत्तिजनक स्थिति’ में देख लिया। जिसके बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। एक चोर ने जो उस समय हॉस्टल में मौजूद था, उसने इस घटना को देख लिया था। सालों बाद उस चोर की गवाही ने नन और पादरी को उम्रकैद की सजा दिला दी। 

Web Title: Abhaya murder case Priest nun sentenced to life imprisonment by CBI court

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