नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने दोषी मुकेश की एक और याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। उसने हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें उसके इस दावे को खारिज कर दिया गया था कि क्राइम के समय वह दिल्ली में नहीं था।
एपी सिंह का कहना है कि जेल के अंदर यातना के बारे में विनय शर्मा की याचिका कड़कड़डूमा कोर्ट के समक्ष लंबित है। अदालत ने इसे 8 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है और एटीआर के लिए बुलाया है। कैदी के व्यक्तित्व, उम्र और आचरण को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
उच्चतम न्यायालय ने दोषी मुकेश सिंह की उस याचिका पर सुनवाई से इनकार किया जिसमें उसने 16 दिसंबर 2012 को हुई घटना के दिन दिल्ली में नहीं होने का दावा किया था। उच्च न्यायालय द्वारा याचिका खारिज किए जाने के बाद निर्भया मामले के दोषी मुकेश सिंह ने उच्चतम न्यायालय का रुख करते हुए दावा किया कि दिसंबर 2012 में हुए अपराध के समय वह दिल्ली में नहीं था।
दोषी अक्षय के वकील एपी सिंह ने कहा कि दया याचिका के अस्वीकार होने से कई लोग प्रभावित होंगे। यह अक्षय से जुड़े हर किसी को प्रभावित करेगा। आपने कहा है कि आपने दूसरी दया याचिका दायर की और राष्ट्रपति ने उसे खारिज कर दिया। अब न्यायिक समीक्षा की क्या गुंजाइश है?
एपी सिंह ने कहा कि दया याचिका खारिज होने से अक्षय से जुड़े सभी लोग प्रभावित होंगे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब याचिका खारिज हो चुकी है तो उसपर न्यायिक समीक्षा का कोई मतलब नहीं है।सुप्रीम कोर्ट में निर्भया के दोषी अक्षय के वकील एपी सिंह ने दलील देते हुए कहा कि जरूरी दस्तावेजों के साथ दया याचिका दोबारा दी है। पहली दया याचिका के साथ दस्तावेज पूरे नहीं थे। सुप्रीम कोर्ट ने क्यूरेटिव पीटिशन पर सवाल उठाते हुए कहा कि दया याचिका खारिज होने की जानकारी तब आपको दी गई थी।
दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा है कि याचिका खारिज होना मिसकैरिज ऑफ जस्टिस है। उन्होंने कहा कि पहली दया याचिका के साथ पूरे दस्तावेज नहीं थे। सुप्रीम कोर्ट ने दोषी मुकेश की एक और याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। उसने हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें उसके इस दावे को खारिज कर दिया गया था कि क्राइम के समय वह दिल्ली में नहीं था।