नई दिल्ली, 15 अगस्त: केंद्र सरकार ने आज उच्चतम न्यायालय को बताया कि यौन उत्पीड़न के शिकार 1,575 नाबालिग और पोर्नोग्राफी (अश्लील फिल्मों) के 189 पीड़ित देश भर की 9,589 बाल देखभाल संस्थाओं में रह रहे हैं।
देश भर की बाल देखभाल संस्थाओं पर किए गए एक अध्ययन का हवाला देते हुए केंद्र ने शीर्ष अदालत को बताया कि ऐसे आश्रय गृहों में 9,382 बच्चे हैं जिनमें 6,928 लड़के और 2,454 लड़कियां हैं।
सरकार ने न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया, ‘‘यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) कानून 2012 के तहत दर्ज किए गए मामलों के बाबत सूचनाएं इकट्ठा की गई हैं। यौन उत्पीड़न के पीड़ित बच्चों की संख्या 1,575 (1,286 लड़कियां और 286 लड़के) और पोर्नोग्राफी के पीड़ितों की संख्या 189 (40 लड़कियां और 149 लड़के) शामिल हैं।’’
सरकार ने कहा, ‘‘बहरहाल, यहां यह जिक्र करना होगा कि कोई बच्चा दोनों तरह के उत्पीड़न का शिकार हो सकता है।’’