युवराज के बाद रैना ने भी पास किया यो-यो टेस्ट, दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए मिलेगा मौका?

बाएं हाथ के बल्लेबाज सुरेश रैना ने यो-यो टेस्ट पास कर लिया है और ठोका है दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए दावा

By अभिषेक पाण्डेय | Updated: December 22, 2017 15:43 IST

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टीम इंडिया से लंबे समय से बाहर चल रहे बाएं हाथ के स्टार बल्लेबाज सुरेश रैना के फैंस के लिए अच्छी खबर है। रैना ने यो-यो टेस्ट पास कर लिया है, जिसमें नाकाम रहने की वजह से ही उन्हें और युवराज सिंह को श्रीलंका दौरे पर गई टीम इंडिया में नहीं चुना गया था। 

इसके बाद रैना ने अपनी फिटनेस पर कड़ी मेहनत की और शुक्रवार को बेंगलुरु स्थिति नेशनल क्रिकेट ऐकैडमी में यो-यो टेस्ट पास कर लिया और इसकी जानकारी खुद ही सोशल मीडिया पर फैंस के साझ साझा की। रैना ने इस टेस्ट में सफल होने के लिए अपनें कोचों और ट्रेनरों को धन्यवाद दिया। रैना फरवरी 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ टी20 मैच खेलने के बाद से टीम इंडिया के लिए नहीं खेले हैं।

इससे पहले इसी महीने की शुरुआत में युवराज सिंह ने भी यो-यो टेस्ट पास किया था। ये दोनों क्रिकेटर पिछले कई महीनों से टीम इंडिया से इसी टेस्ट को पास न करने की वजह से बाहर हैं। यो-यो टेस्ट को टीम इंडिया मैनेजमेंट ने टीम में आने के लिए अनिवार्य शर्त बना दिया है। ये टेस्ट खिलाड़ी की फिटनेस क्षमता को आंकता है।

दक्षिण अफ्रीका दौरे पर मिल सकता है रैना-युवराज को मौका5 जनवरी से शुरू हो रहे टीम इंडिया के दक्षिण अफ्राका दौरे से ठीक पहले रैना और युवराज के यो-यो टेस्ट पास करने से इन दोनों के इस दौरे के लिए चयन की उम्मीदें जग गई हैं। टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका दौरे पर 3 टेस्ट के बाद वनडे और टी20 सीरीज खेलेगी। सीमित ओवरों के फॉर्मेट्स में ही इन दोनों स्टार खिलाड़ियों को मौक मिल सकता है। युवराज सिंह आखिरी बार इस साल जुलाई में वेस्टइंडीज दौरे पर खेले थे।

क्या होता है यो-यो टेस्टयो-यो टेस्ट को विकसित करने का श्रेय डेनमार्क के फुटबॉल साइकोलॉजिस्ट जेंस बांग्सबो को जाता है। इस टेस्ट में 20 मीटर की दूरी पर दो लाइने बनाते हुए कोंस के दो सेट्स रखे जाते हैं। बीप बजने पर खिलाड़ी को इन दोनों लाइनों के बीच दौड़ना होता है और बीप बंद होते ही वापस मुड़ना होता है।  हर मिनट के साथ ही स्पीड बढ़ती जाती है। अगर खिलाड़ी लाइन तक समय पर नहीं पहुंच पाता तो दो और बीच के बीच उसे अपनी गति बढ़ाकर इस लाइन तक पहुंचना होता है। लेकिन अगर खिलाड़ी इन दो बीप तक भी निर्धारित गति हासिल नहीं कर पाता है तो टेस्ट खत्म हो जाता है। ये पूरी प्रक्रिया सॉफ्टवेयर आधारित है जहां परिणाम रिकॉर्ड किए जाते हैं। इस टेस्ट को पास करने के लिए एक निर्धारित अंक होता है। टीम इंडिया में चयन के लिए 16.1 अंक का न्यूनतम पैमाना रखा गया है।

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