रणजी ट्रॉफी में सिक्किम के बल्लेबाज मिलिंद कुमार ने लगातार तीन मैचों में शतक जड़ते हुए सबको प्रभावित किया है। हालांकि मिलिंद के पास लगातार तीन प्रथम श्रेणी मैचों में दोहरा शतक जड़ने वाला पहला बल्लेबाज बनने का मौका था, लेकिन वह 133 रन बनाकर आउट हो गए और 67 रन से ये रिकॉर्ड चूक गए।
लगातार तीन मैचों में दोहरा शतक जड़ने से चूके
दिल्ली के पूर्व बल्लेबाज मिलिंद कुमार ने रणजी ट्रॉफी के इस सीजन में पिछले दो मैचों में दोहरे शतक जड़े थे। मिलिंद ने मणिपुर के खिलाफ 261 रन और नगालैंड के खिलाफ 224 रन की पारी खेली थी। उनके इन दोहरे शतकों की मदद से सिक्किम ने इन दोनों मैचों में जीत दर्ज की थी। सिक्किम ने पहले मैच में मणिपुर को एक पारी और 27 रन से हराने के बाद दूसरे मैच में नगालैंड को 9 विकेट से मात दी थी।
सिक्किम को पहली बार रणजी ट्रॉफी में शामिल किया गया है और उसे सीजन 2018/19 में मणिपुर, नगालैंड, उत्तराखंड और 18 साल बाद वापसी कर रही बिहार के साथ प्लेट ग्रुप में रखा गया है।
पहले दो मैचों में दोहरा शतक जड़ने के बाद मिलिंद के पास उत्तराखंड के खिलाफ मैच में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में लगातार तीन दोहरे शतक जड़ने वाला पहला बल्लेबाज बनने का मौका था लेकिन वह इस मैच में 133 रन बनाकर धनराज शर्मा की गेंद पर आउट हो गए और महज 67 रन से ये रिकॉर्ड चूक गए।
लेकिन मिलिंद की ये पारी उनकी टीम को उत्तराखंड के खिलाफ हार से नहीं बचा सकी और उत्तराखंड ने मैच के चौथे दिन शुक्रवार को सिक्किम को एक पारी और 178 रन से हरा दिया।
उत्तराखंड के पहली पारी के 582/9 (पारी घोषित) के जवाब में सिक्किम की टीम दोनों पारियों में 264 और 140 रन के स्कोर पर सिमट गई। पहली पारी में सिक्किम के लिए 133 रन की पारी खेलने वाले मिलिंद कुमार ने दूसरी पारी में भी कमाल किया और 61 रन की पारी खेली लेकिन उनकी टीम 140 रन पर सिमटते हुए मैच एक पारी से गंवा बैठी।
15 फरवरी 1991 को दिल्ली में जन्मे मिलिंद कुमार सिक्किम से जुड़ने से पहले दिल्ली के लिए भी क्रिकेट खेल चुके हैं। वह आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम में भी शामिल रहे हैं। मिलिंद ने अब तक अपने 32 प्रथम श्रेणी मैचों में 42.88 की औसत से 5 शतकों और 7 अर्धशतकों की मदद से 1887 रन बनाए हैं।