नई दिल्ली, 23 अगस्त: नवंबर 2013 में स्कूल क्रिकेट में 546 रन की जोरदार पारी खेलकर तहलका मचाने वाले युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ का चयन पहली बार भारतीय टेस्ट टीम में हुआ है। शॉ को हनुमा विहारी के साथ इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी दो टेस्ट मैचों के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया है। 18 वर्षीय शॉ बेहद प्रतिभाशाली बल्लेबाज हैं और उनके बेहतरीन शॉट महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की याद दिलाते हैं।
2016 एशिया कप में चयन से पहले पृथ्वी शॉ मुंबई की जूनियर टीम की तरफ से खेल चुके थे। भारत ने 2006 का एशिया कप अभिषेक शर्मा की कप्तानी में जीता था। इसके बाद टीम मैनेजमेंट ने कई कप्तानों को आजमाया लेकिन अंत में 2018 अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम की कमान मिली युवा पृथ्वी शॉ को। शॉ ने बल्ले से जोरदार प्रदर्शन और प्रेरणादायी नेतृत्व करते हुए भारत को अंडर-19 वर्ल्ड कप खिताब जिताया।
इस वर्ल्ड कप जीत से पहले ही शॉ जनवरी 2017 में रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल के दौरान मुंबई के लिए खेलते हुए अपना प्रथम श्रेणी डेब्यू किया। शॉ ने अपने डेब्यू प्रथम श्रेणी मैच में मुंबई के लिए शतक जड़ा। इसके बाद उन्होंने पहले दलीप ट्रॉफी मैच में भी शतक जड़ते हुए सचिन के रिकॉर्ड की बराबरी की। सचिन ने अपने रणजी और दलीप ट्रॉफी डेब्यू मैचों में शतक जड़े थे।
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पृथ्वी शॉ ने लगातार बेहतरीन प्रदर्शन किया है। उन्होंने अपने पहले ही रणजी सीजन में 12 मैचों में 537 रन बनाए। शॉ को सचिन की ही तरह शतकों की झड़ी लगाना पसंद है। महज 14 प्रथम श्रेणी मैचों में वह अब तक 7 शतक ठोक चुके हैं और 56.72 की औसत से 1418 रन बना चुके हैं।
पृथ्वी शॉ जुलाई में भारत-ए के साथ इंग्लैंड दौरे पर थे और उन्होंने लिस्ट-ए और प्रथम श्रेणी क्रिकेट दोनों में ही कमाल किया। लिस्ट-ए में शॉ ने छह पारियों में दो शतक और एक अर्धशतक की मदद से 351 रन और प्रथम श्रेणी मैच की चार पारियों में 188 के उच्चतम स्कोर के साथ 250 रन बनाए। इस दौरे के बाद हाल ही में बेंगलुरु में साउथ अफ्रीका ए के खिलाफ भी उन्होंने 136 रन की शानदार पारी खेली है।
घरेलू क्रिकेट के अलावा शॉ ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में भी कमाल दिखाया था। उन्हें 2018 के सीजन के लिए दिल्ली डेयरडेविल्स ने 1.2 करोड़ रुपये में खरीदा था। उन्होंने नौ पारियों में 245 रन बनाए थे।
शॉ को भारतीय क्रिकेट का अगला सुपरस्टार माना जा रहा है। न सिर्फ टेस्ट बल्कि आने वाले समय में वह भारत की तीनों टीमों में खेलने के दावेदार माने जा रहे हैं। ये देखना दिलचस्प होगा कि पृथ्वी शॉ इन उम्मीदों पर कितना खरा उतर पाते हैं।