विजय हजारे ट्रॉफी: दिल्ली को 4 विकेट से हराकर मुंबई ने जीता खिताब, ये नो-बॉल पड़ी गंभीर की टीम को भारी

दिल्ली की ओर से मिले आसान लक्ष्य के जवाब में मुंबई की शुरुआत बेहद खराब रही और उसके शुरुआती चार विकेट केवल 40 रनों पर गिर गये।

By विनीत कुमार | Updated: October 20, 2018 17:05 IST

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संकट में खेली गई आदित्य तारे (71) और सिद्धेश लाड (48) की शानदार पारी की बदौलत मुंबई ने फाइनल में दिल्ली को 4 विकेट से हराकर विजय हजारे ट्रॉफी-2018/19 का खिताब जीत लिया है। मुंबई के सामने जीत के लिए 178 रनों का लक्ष्य था जिसे उसने 35 ओवर में 6 विकेट खोकर 180 रन बनाते हुए हासिल किया। मुंबई ने तीसरी बार विजय हजारे ट्रॉफी अपने नाम किया है। मुंबई ने इससे पहले 2003-04 और 2006-07 में यह ट्रॉफी जीती थी।

इस पूरे टूर्नामेंट में मुंबई की टीम ने कोई मैच नहीं हारा। लाड जब छठे विकेट के रूप में आउट हुए तब मुंबई को जीत के लिए केवल 3 रनों की जरूरत रह गई थी जो उसे लेग बाइ के रूप में आसानी से मिल गये।

दिल्ली की ओर से मिले आसान लक्ष्य के जवाब में मुंबई की शुरुआत बेहद खराब रही और उसके शुरुआती चार विकेट केवल 40 रनों पर गिर गये। अजिंक्य रहाणे के साथ पारी की शुरुआत करने उतरे पृथ्वी शॉ केवल 8 रन बनाकर पहले ही ओवर की तीसरी गेंद पर पवेलियन लौट गये। इसके थोड़ी देर बाद रहाणे (10), कप्तान श्रेयष अय्यर (7) और सूर्यकुमार यादव (4) भी जल्दी-जल्दी आउट हो गये। 

इसके बाद लाड और तारे ने पांचवें विकेट के लिए धौर्यपूर्ण पारी खेलते हुए 105 रनों की साझेदारी कर मुंबई को वापस मुकाबले में ला खड़ा किया। आदित्य तारे ने 89 गेंदों की पारी में एक छक्का और 13 चौके लगाए और पांचवें विकेट के रूप में आउट हुए। वहीं, लाड ने 68 गेंदों की पारी में 2 छक्के और 4 चौके लगाए।

दिल्ली को एक नो-बॉल पड़ा महंगा!

दिल्ली को नवदीप सैनी का एक नो-बॉल जरूर महंगा पड़ा। दरअसल, नवदीप सैनी की फेंकी गई मुंबई की पारी के 7वें ओवर की तीसरी गेंद पर लाड कैच हो गये लेकिन अंपायर ने इसे नो-बॉल करार दिया। इसी के साथ लाड को जहां जीवनदान मिला वहीं, एक फ्री-हिट भी मिली। इसके बाद लाड ने शानदार पारी खेलते हुए 48 अहम रन बनाए। 

दिल्ली की ओर से नवदीप सैनी सबसे सफल गेंदबाज साबित हुए जिन्होंने तीन विकेट झटके। वहीं, मनन शर्मा, ललित यादव और कुलवंज खेजरोलिया को एक-एक सफलता मिली।

इससे पहले टॉस हारने के बाद बैटिंग करने उतरी दिल्ली की टीम के लिए बैटिंग निराशाजनक रही। हिम्मत सिंह (41), ध्रुव शोरे (31), पवन नेगी (21) और नौवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए सुबोत भाटी (25) की छोटी-छोटी पारियों की बदौलत टीम 45.4 ओवर में 177 पर सिमट गई। कप्तान गौतम गंभीर केवल एक रन बनाकर आउट हुए।

मुंबई की ओर से धवल कुलकर्णी और शिवम दुबे ने तीन-तीन विकेट झटके जबकि तुषार देशपांडे को दो सफलता मिली। शम्स मुलानी को एक सफलता मिली।

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