हरभजन सिंह ने क्रिकेट को कहा अलविदा, खेल के हर फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान

हरभजन सिंह ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है। उन्होंने एक वीडियो जारी कर संन्यास की घोषणा की। हरभजन ने भारत के लिए 103 टेस्ट, 236 वनडे और 28 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले।

By विनीत कुमार | Updated: December 24, 2021 15:17 IST

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ठळक मुद्देभारत के दिग्गज ऑफ स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह ने संन्यास का ऐलान किया।हरभजन सिंह ने भारत के लिए 103 टेस्ट, 236 वनडे और 28 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले। सभी फॉर्मेट को मिलाकर हरभजन सिंह ने भारत के लिए कुल 711 विकेट झटके।

नई दिल्ली: टीम इंडिया के टर्बनेटर के तौर पर मशहूर और दिग्गज स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट कर और वीडियो जारी कर संन्यास की घोषणा की। हरभजन सिंह ने कहा कि वे चाहते थे कि उनका भी संन्यास भारतीय टीम की जर्सी में हो लेकर तकदीर को शायद कुछ और मंजूर था।

हरभजन सिंह भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में चौथे नंबर पर हैं। उन्होंने भारत के लिए 103 टेस्ट, 236 वनडे और 28 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले। इन सभी फॉर्मेट को मिलाकर उन्होंने भारत के लिए कुल 711 विकेट झटके।

हरभजन ने भारत के लिए आखिरी टेस्ट 2015 में श्रीलंका के खिलाफ खेला था। वहीं आखिरी वनडे भी इसी साल उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के लिए खेला। भारत के लिए आखिरी टी20 उन्होंने 2016 में खेला था।

हरभजन सिंह लंबे तक तक भारतीय टीम का एक अभिन्न हिस्सा रहे। वे 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 में वनडे फॉर्मेट के आईसीसी वर्ल्ड कप की विजेता भारतीय टीम के भी सदस्य रहे।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2001 की वो टेस्ट सीरीज

हरभजन सिंह की चर्चा जब भी होती है तो साल 2001 की उस सीरीज की बात जरूर होती है जिसमें उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को घुटने के बल लाने पर मजबूर कर दिया था। भारत में खेली गई उस सीरीज में स्टीव वॉ के नेतृत्व वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ हरभजन सिंह ने 32 विकेट लिए थे। इसमें कोलकाता के ईडन गार्डन्स में दूसरे टेस्ट में हैट्रिक भी शामिल है।

हरभजन सिंह: 1998 में टेस्ट डेब्यू

ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने 1998 में बेंगलुरु में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया था। भारत के लिए टेस्ट में 417 विकेट झटकने वाले हरभजन ने अपने पहले मैच में ग्रेग ब्लेवेट को पहला शिकार बनाया। उसी साल शारजाह में अप्रैल में न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच से हरभजन ने अपना वनडे डेब्यू भी किया।

इसके तीन साल बाद 2001 में वे हर किसी की जुबान पर चढ़ गए जब उन्होंने भारत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 32 विकेट झटके। इसी सीरीज के चेन्नई में खेले गए मैच में एक पारी में उन्होंने 84 रन देकर 8 विकेट झटके, जो उनके करियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी भी साबित हुई।

हरभजन ने 163 आईपीएल मैच भी खेले। मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स के साथ खेलते हुए उन्होंने 150 विकेट झटके और दोनों के चैम्पियन बनने के दौरान टीम का हिस्सा रहे। हरभजन ने 198 प्रथम श्रेणी मैच भी खेले, जिसमें कुल 780 विकेट झटके।

टॅग्स :हरभजन सिंह
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