Dimuth Karunaratne Sri Lanka vs Australia, 2nd Test: श्रीलंका के पूर्व कप्तान दिमुथ करुणारत्ने गुरुवार (6 फरवरी) को 100 टेस्ट खेलने उतरेंगे। यह करियर का अंतिम टेस्ट मैच होगा। 2012 में गॉल में न्यूजीलैंड के खिलाफ डेब्यू करने वाले 2025 में गॉल में ही अंतिम मैच खेलेंगे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेंगे। 36 वर्षीय खिलाड़ी खराब फॉर्म को लेकर फैंस के निशाने पर हैं। करुणारत्ने ने अपने पिछले सात टेस्ट मैचों में न्यूजीलैंड के खिलाफ सितंबर 2024 में एक अर्धशतक के साथ केवल 182 रन बनाए हैं।
करुणारत्ने ने 2012 में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था, जहां उन्होंने एक ही मैच में शून्य और नाबाद 60 रन बनाए थे, जिससे श्रीलंका 10 विकेट से जीत गया था। करुणारत्ने ने अब तक 99 टेस्ट मैचों में 16 टेस्ट शतकों के साथ 7,172 रन बनाए हैं। इस दौरान 1 दोहरा शतक भी पूरा किया है। उनका सर्वोच्च स्कोर 244 है। करियर में 12 छक्के, 39 फिफ्टी और 760 चौके मारे हैं।
करुणारत्ने पिछले एक दशक में टेस्ट क्रिकेट में सबसे लगातार सलामी बल्लेबाजों में से एक रहे हैं। 2014 में क्राइस्टचर्च में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना पहला शतक बनाने के बाद 2015 से उन्होंने लगातार रन लूटना शुरू कर दिया और टेस्ट में श्रीलंका के लिए स्थायी सलामी बल्लेबाज बन गए। उन्होंने 2017 में पाकिस्तान के खिलाफ डे-नाइट टेस्ट में 196 रन बनाए थे और 2019 में श्रीलंकाई टीम के कप्तान बने।
उन्होंने उसी वर्ष अपनी टीम की कप्तानी करते हुए दक्षिण अफ्रीका (2-0) पर टेस्ट सीरीज जीत हासिल की थी। श्रीलंका दक्षिण अफ्रीका में दक्षिण अफ्रीका को टेस्ट सीरीज में हराने वाली पहली एशियाई टीम बन गई। बल्ले से शानदार प्रदर्शन के कारण करुणारत्ने को 2018, 2021 और 2023 में तीन बार ICC टेस्ट क्रिकेट टीम ऑफ द ईयर में भी नामित किया गया था।
श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के बीच गुरुवार से यहां शुरू होने वाला दूसरा और अंतिम टेस्ट मैच उनका 100वां टेस्ट मैच होगा। श्रीलंका के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक 36 वर्षीय करुणारत्ने ने अपने लगभग 14 वर्षों के अंतरराष्ट्रीय करियर में अभी तक 99 टेस्ट मैचों में 40 से थोड़ा कम की औसत से 7,172 रन बनाए हैं। उन्होंने 50 एकदिवसीय मैचों में भी एक शतक और 11 अर्द्धशतक के साथ 1,316 रन बनाए हैं।
‘डेली एफटी’ के अनुसार 2012 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले करुणारत्ने ने कहा, ‘‘एक टेस्ट खिलाड़ी के लिए एक साल में केवल चार टेस्ट खेलने और अपनी फॉर्म बनाए रखने के लिए खुद को प्रेरित रखना बहुत मुश्किल होता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘डब्ल्यूटीसी (विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप) शुरू होने के बाद पिछले दो-तीन वर्षों में हमने बहुत कम द्विपक्षीय सीरीज खेली हैं।
मेरी वर्तमान फॉर्म, मेरे 100 टेस्ट मैच पूरे करना और डब्ल्यूटीसी के वर्तमान चक्र (2023-25) का पूरा होना भी अन्य कारण हैं। मुझे लगा कि संन्यास लेने का यह सही समय है।’’ करुणारत्ने की योजना अब अपने परिवार के साथ ऑस्ट्रेलिया में बसने की है। उन्होंने 2008 में सिंहली स्पोर्ट्स क्लब (एसएससी) की तरफ से प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी अपनी कुछ निजी योजनाएं हैं। मैंने एंजी (एंजेलो मैथ्यूज) और चांडी (दिनेश चांडीमल) जैसे अन्य सीनियर खिलाड़ियों से बात करने के बाद संन्यास लेने का फैसला किया है।’’ करुणारत्ने ने कहा, ‘‘हम तीनों के एक ही समय में संन्यास लेने के बजाय, हमारे लिए एक-एक करके संन्यास लेना बेहतर होगा।
मैंने सोचा कि मैं पहले संन्यास ले लूंगा क्योंकि मुझे पता है कि जितने कम टेस्ट मैच खेले जा रहे हैं उन्हें देखते हुए मैं टेस्ट क्रिकेट में 10000 रन बनाने के अपने अगले लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाउंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अब तक जो हासिल किया है उससे मैं खुश हूं। मैं अपने 100वें टेस्ट में खेलने जैसे सुखद पल के साथ अपने संन्यास की घोषणा करना चाहता हूं।’’