Champions Trophy 2025: अफगानिस्तान के खिलाफ मैच का बहिष्कार?, आखिर क्यों इंग्लैंड-दक्षिण अफ्रीका की टीम?, ब्रिटेन के 160 से अधिक राजनेताओं ने ईसीबी से कहा...

Champions Trophy 2025: 19 फरवरी से शुरू होने वाली आगामी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में अफगानिस्तान का बहिष्कार करने का आग्रह किया है।

By सतीश कुमार सिंह | Updated: January 11, 2025 13:07 IST

Open in App
ठळक मुद्देतालिबान शासन ने जिस तरह से महिला अधिकार को कुचल दिया है। चैंपियंस ट्रॉफी क्रिकेट मैच का बहिष्कार करने का अनुरोध किया है।सभी सदस्य देश महिला क्रिकेट की वृद्धि और विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। 

Champions Trophy 2025: 19 फरवरी 2025 से चैंपियंस ट्रॉफी क्रिकेट मैच की शुरुआत हो रही है। 8 टीम एक-दूसरे को टक्कर देंगी। इस बीच इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के सांसद और वरिष्ठ लोगों ने अफगानिस्तान के खिलाफ मैच बहिष्कार करने का आग्रह किया है। ब्रिटेन के 160 से अधिक राजनेताओं ने इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) से अगले महीने अफगानिस्तान के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी क्रिकेट मैच का बहिष्कार करने का अनुरोध किया है। दक्षिण अफ़्रीकी खेल मंत्री गेटन मैकेंज़ी ने कहा कि चैंपियंस ट्रॉफी में अफगानिस्तान का बहिष्कार करने का निर्णय उनका नहीं है, लेकिन लगता है कि एशियाई देश में मौजूदा तालिबान शासन ने जिस तरह से महिला अधिकार को कुचल दिया है। उसे देखते हुए ऐसा कदम उठाने को कहा है।

गेटन मैकेंज़ी ने कहा कि खेल मंत्री के रूप में यह मेरे लिए अंतिम निर्णय लेने का काम नहीं है। दक्षिण अफ्रीका को अफगानिस्तान के खिलाफ क्रिकेट मुकाबलों का सम्मान करना चाहिए या नहीं। यदि यह मेरा निर्णय होता, तो निश्चित रूप से ऐसा नहीं होता। इस बीच, इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने पहले ही साफ कर दिया है कि अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के साथ तालिबान के व्यवहार की निंदा करने के बावजूद वे अफगानिस्तान मैच का बहिष्कार नहीं करेंगे।

ईसीबी के सीईओ रिचर्ड गोल्ड ने ब्रिटेन के राजनेताओं द्वारा बहिष्कार की मांग करने वाले एक पत्र के जवाब में कहा, "ईसीबी तालिबान शासन के तहत अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के साथ व्यवहार की कड़ी निंदा करता है।" “आईसीसी संविधान कहता है कि सभी सदस्य देश महिला क्रिकेट की वृद्धि और विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। 

इंग्लैंड से अफगानिस्तान के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी मैच का बहिष्कार करने का आग्रह

राजनेता चाहते हैं कि ईसीबी तालिबान शासन के महिलाओं के अधिकारों के दमन के खिलाफ आवाज उठाए और 26 फरवरी को पाकिस्तान के लाहौर में अफगानिस्तान के खिलाफ होने वाले पुरुषों के एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच का बहिष्कार करे। तालिबान की 2021 में सत्ता में वापसी के बाद से खेल में महिलाओं की भागीदारी को प्रभावी रूप से गैरकानूनी घोषित कर दिया गया।

यह फैसला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के नियमों का उल्लंघन भी है लेकिन अफगानिस्तान को आईसीसी की प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमति है। ऐसे में ब्रिटेन के सांसदों ने एक पत्र लिखकर ईसीबी से अपनी नैतिक आपत्ति दर्ज कराने की अपील की है।

यह पत्र लेबर सांसद टोनिया एंटोनियाज़ी में लिखा है तथा इसमें निगेल फराज और जेरेमी कॉर्बिन सहित हाउस ऑफ कॉमन्स और हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सांसदों के हस्ताक्षर हैं। ईसीबी के मुख्य कार्यकारी रिचर्ड गोल्ड को संबोधित पत्र में कहा गया है, ‘‘हम इंग्लैंड की पुरुष टीम के खिलाड़ियों और अधिकारियों से तालिबान के तहत अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के साथ होने वाले बुरे व्यवहार के खिलाफ आवाज उठाने का आग्रह करते हैं।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘हम ईसीबी से अफगानिस्तान के खिलाफ आगामी मैच के बहिष्कार पर विचार करने का भी आग्रह करते हैं।

ताकि यह स्पष्ट संकेत दिया जा सके कि इस तरह के दुर्व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’’ पत्र के अनुसार, ‘‘हमें लैंगिक भेदभाव के खिलाफ खड़ा होना चाहिए तथा हम ईसीबी से अफगानिस्तान की महिलाओं और लड़कियों को एकजुटता और आशा का एक दृढ़ संदेश देने का आग्रह करते हैं कि उनकी पीड़ा को नजरअंदाज नहीं किया गया है।’’

गोल्ड ने त्वरित प्रतिक्रिया जारी करते हुए ईसीबी के सिद्धांतों की पुष्टि करते हुए सुझाव दिया कि वह अकेले कोई फैसला करने के बजाय सभी सदस्य देशों से एक समान दृष्टिकोण का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ईसीबी तालिबान शासन के तहत अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के साथ के जा रहे बुरे व्यवहार की कड़ी निंदा करता है।’’

गोल्ड ने कहा, ‘‘आईसीसी के संविधान के अनुसार सभी सदस्य देश महिला क्रिकेट के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस प्रतिबद्धता के अनुरूप, ईसीबी ने अफगानिस्तान के खिलाफ किसी भी द्विपक्षीय क्रिकेट मैच का आयोजन नहीं करने की अपनी स्थिति बरकरार रखी है।

उन्होंने कहा, ‘‘किसी एक सदस्य के बजाय आईसीसी के सभी सदस्यों द्वारा एक साथ उठाया गया कदम अधिक प्रभावी होगा।’’ इंग्लैंड ने 2003 में एकदिवसीय विश्व कप में रॉबर्ट मुगाबे के शासन के विरोध में जिम्बाब्वे के खिलाफ मैच नहीं खेला था।

अफगानिस्तान ने यूनिस खान को चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम का ‘मेंटोर’ नियुक्त किया

अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के पूर्व कप्तान यूनिस खान को अगले महीने होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के लिए अपनी पुरुष क्रिकेट टीम का ‘मेंटोर’ (मार्गदर्शक) नियुक्त किया। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) ने बुधवार को एक बयान में कहा कि 47 वर्षीय यूनिस 19 फरवरी से कराची में शुरू होने वाली चैंपियंस ट्राफी से पहले पाकिस्तान में टीम से जुड़ेंगे और टूर्नामेंट में अफगानिस्तान के साथ ही रहेंगे।

पाकिस्तान के लिए 118 टेस्ट, 265 वनडे और 25 टी20 खेलने वाले यूनिस ने 2017 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। उन्होंने 2021 में थोड़े समय के लिए राष्ट्रीय टीम में काम किया था और फिर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के साथ मतभेदों के बाद पद से हट गये थे। अफगानिस्तान ग्रुप बी में इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के साथ है। 21 फरवरी को पहले मैच में दक्षिण अफ्रीका से भिड़ना है। 

टॅग्स :चैंपियंस ट्रॉफीअफगानिस्तान क्रिकेट बोर्डइंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्डदक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीमAfghan Talibanअफगानिस्तान क्रिकेट टीम

संबंधित बातम्या

क्रिकेट अधिक बातम्या