Afghanistan vs New Zealand: 134 साल बाद?, नो टॉस और टेस्ट इतिहास में 8वां मैच, एक भी गेंद फेंके बिना रद्द, बारिश ने अफगानिस्तान-न्यूजीलैंड उम्मीद को धो डाला

Afghanistan vs New Zealand: पांचवें दिन के खेल की सुबह बारिश के बाद निर्णय की घोषणा की गई और गीली आउटफील्ड के कारण पिछले चार दिनों में कोई भी खेल नहीं हो सका।

By सतीश कुमार सिंह | Updated: September 13, 2024 11:20 IST

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ठळक मुद्देAfghanistan vs New Zealand: शुक्रवार सुबह बिना कोई गेंद फेंके आधिकारिक तौर पर रद्द कर दिया गया। Afghanistan vs New Zealand: न्यूजीलैंड टीम का 1998 में डुनेडिन टेस्ट भी बारिश के कारण इसी तरह रद्द हुआ था।Afghanistan vs New Zealand: अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) ने एक बयान जारी कर कहा कि मैच रद्द किया गया।

Afghanistan vs New Zealand: बारिश के कारण अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड टेस्ट मैच एक भी गेंद फेंके बिना रद्द कर दिया गया। 134 साल बाद इतिहास कायम हो गया। मैच एक भी गेंद फेंके बिना रद्द हुआ, तो यह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में आठवां अवसर है। ग्रेटर नोएडा के शहीद विजय सिंह पथिक स्टेडियम में अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच एकमात्र टेस्ट शुक्रवार सुबह बिना कोई गेंद फेंके आधिकारिक तौर पर रद्द कर दिया गया। पांचवें दिन के खेल की सुबह बारिश के बाद निर्णय की घोषणा की गई और गीली आउटफील्ड के कारण पिछले चार दिनों में कोई भी खेल नहीं हो सका था।

अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच एकमात्र टेस्ट शुक्रवार को एक भी गेंद फेंके बगैर रद्द हो गया और टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ऐसी स्थिति आठवीं बार आई है। पहले दो दिन गीली आउटफील्ड के कारण खेल नहीं हो सका जिससे शहीद विजय सिंह पथिक खेल परिसर की मैच की मेजबानी की क्षमता पर सवाल उठे हैं। बाकी तीन दिन बारिश के कारण खेल रद्द हो गया।

शुक्रवार की सुबह पिच का मुआयना किया गया लेकिन अभी भी आउटफील्ड में उन जगहों पर पानी जमा है जो ढकी नहीं हैं। इससे मैच का रद्द होना तय हो गया जिसमें टॉस तक नहीं कराया जा सका। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने बयान में कहा,‘ग्रेटर नोएडा में अभी भी बारिश हो रही है। लगातार बारिश के कारण अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट के पांचवें दिन का खेल रद्द कर दिया गया।’

 

टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सात बार ही ऐसा हुआ है जब एक भी गेंद फेंके बिना मैच रद्द हुआ हो। पिछली बार ऐसा 26 साल पहले 1998 में हुआ था। उस समय भी न्यूजीलैंड टीम ही थी जिसे डुनेडिन में भारत से खेलना था । भारत में ऐसा पहली बार हुआ है। पिछले दो सप्ताह से लगातार बारिश हो रही है।

अलावा सुविधाओं के अभाव, ग्राउंड कवर की कमी, खराब ड्रेनेज, कुशल मैदानकर्मियों के अभाव और सुपर सोपर पर्याप्त संख्या में नहीं होने से समस्या बढ़ी है। पहले दो दिन सूरज निकलने के बावजूद खिलाड़ियों की सुरक्षा को देखते हुए अंपायरों ने खेल नहीं कराने का फैसला लिया। सूत्रों की माने तो ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) से दो सुपर सोपर मांगे थे जो मेरठ स्टेडियम से भेजे गए । दिन में विवाह में इस्तेमाल होने वाले पारंपरिक शामियाने का इस्तेमाल आउटफील्ड ढंकने के लिये किया गया और शाम को बरसाती लगाई गई।

कोटला से डीडीसीए अधिकारियों ने आउटफील्ड कवर भेजे लेकिन वह काफी नहीं थे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पास कुशल मैदानकर्मी भी नहीं थे जिसकी वजह से मजदूरों को काम पर लगाया गया। बीसीसीआई ने अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड को कानपुर, बेंगलुरु और ग्रेटर नोएडा के विकल्प दिये थे।

एसीबी ने लॉजिस्टिक कारणों से ग्रेटर नोएडा को चुना। अफगानिस्तान इस मैच की मेजबान था जिसे शीर्ष टीमों के खिलाफ खेलने का मौका नहीं मिलता। आईसीसी से 2017 में टेस्ट टीम का दर्जा मिलने के बाद यह उसका दसवां टेस्ट था। यह टेस्ट आईसीसी विश्व चैम्पियनशिप चक्र का हिस्सा नहीं है। स्टेडियम के भविष्य पर फैसला मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ की रिपोर्ट आने के बाद होगा।

इस मैच में एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी है। पहले दो दिन आउटफील्ड गीली थी जिससे अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी के लिये इस मैदान की तैयारी पर भी सवाल उठे हैं। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में अभी तक सात ही मैच ऐसे हुए थे, जो एक भी गेंद फेंके बिना रद्द किये गए हो। न्यूजीलैंड टीम का 1998 में डुनेडिन टेस्ट भी बारिश के कारण इसी तरह रद्द हुआ था।

अफगानिस्तान इस मैच की मेजबान है, जिसे शीर्ष टीमों के खिलाफ खेलने का मौका नहीं मिलता। आईसीसी से 2017 में टेस्ट टीम का दर्जा मिलने के बाद यह उसका दसवां टेस्ट है। यह टेस्ट आईसीसी विश्व चैम्पियनशिप चक्र का हिस्सा नहीं है। न्यूजीलैंड टीम अब श्रीलंका में दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेलेगी, जिसके बाद भारत में 16 अक्टूबर से तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेली जायेगी। 

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