सोनी से करार रद्द होने के बाद जी को हुआ नुकसान, मार्केट में 30 फीसदी की गिरावट के साथ बंद
By आकाश चौरसिया | Published: January 23, 2024 05:02 PM2024-01-23T17:02:54+5:302024-01-23T17:13:46+5:30
जी के शेयर बीएसई में 162.25 रुपये के साथ 29 फीसदी के साथ डिप यानी गिर गए। यह 52 वें हफ्ते में सबसे निचले स्तर पर है और पिछले महीने 12 दिसंबर को इसका 52 वें हफ्ते में बढ़ोतरी के साथ एक शेयर की कीमत 299.50 रुपये थी।
नई दिल्ली: सोनी और जी के साझेदारी रद्द होने के बाद जी के शेयरों में 30 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। शुक्रवार को इसके एक शेयर की कीमत 231.75 रुपये थी और आज के मार्केट बंद होने पर इसके शेयर का भाव 160.90 रुपये ही मात्र रह गया। मार्केट में गिरावट को देखते हुए निवेशकों ने अपने टारगेट में 50 फीसदी की कटौती कर बाहर निकलने का फैसला किया।
वहीं, जी के शेयर बीएसई में 162.25 रुपये के साथ 29 फीसदी के साथ डिप कर गए। यह 52 वें हफ्ते में सबसे निचले स्तर पर दिखा और पिछले महीने 12 दिसंबर को इसका 52 वें हफ्ते में बढ़ोतरी 299.50 रुपये थी। अब मार्केट के रुख देखते हुए विश्लेषकों ने अनुमान लगया कि यह गिरावट 170 से 200 के बीच रह सकती है।
जी के मार्केट में कुल शेयर 10,52,31,549 हैं, जिनकी कीमत 1 हजार 761 करोड़ रुपये है, जिनमें दोपहर 12:20 बजे तक थोड़े बदलवा देखने को मिले। जी के शेयरों की मात्रा में आई गिरावट से इसे उबरने में समय लग सकता है।
मोतीलाल ओसवाल फर्म ने बताया कि जी इस रुख से जल्दी कामयाब होने में नाकमयाब रह सकती है। अभी लंबे समय के लिए बिजनेस में बहुत संकुचित होने के आसार हैं। सीएलएसए ने जी के शेयर की कीमत 300 से 198 जाने की उम्मीद जताई। ऐसा लगा कि रिलायंस और डिज्नी स्टार के कथित विलय से प्रतिस्पर्धा तेज हो सकती है।
वहीं, एलारा कैपिटल ने इस गिरावट पर अनुमान जताया कि 2025 तक इसके शेयर को बेचने के लिए 340 से घटाकर 170 रुपये कर दिया है। लेकिन अगर डिज्नी अनुबंध का सम्मान किया जाता है, तो लक्ष्य मूल्य 130 रुपये तक बढ़ सकता था।
बीएसई की रिपोर्ट के मुताबिक, जी ने कहा कि सोनी के साथ अच्छी साझेदारी में कई विचार-विमर्श करने के बावजूद, दोनों पक्ष लंबित शर्तों पर आम सहमति पर पहुंचने में विफल रहे, जिसके लिए एमसीए की शर्तों के तहत जी और कलवर मैक्स, बीईपीएल दोनों की ओर से कार्रवाई की आवश्यकता थी। जी के अनुसार, एमडी और सीईओ पुनीत गोयनका विलय के हित में पद छोड़ने के लिए सहमत थे।