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टेक कंपनियों में अचानक क्यों होने लगी है बड़े पैमाने पर छंटनी और अगले कुछ हफ्ते क्यों हो सकते हैं और खराब, जानिए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 22, 2022 09:00 IST

हाल के दिनों में मेटा सहित कई टेक कंपनियों में छंटनी नजर आई है। कुछ जानकार मानते हैं कि छंटनी का सिलसिला अभी रूका नहीं है। अगले दो हफ्तों में कुछ और ऐसी खबरें सामने आ सकती हैं।

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नई दिल्ली: हाल के दिनों में दुनिया की कई छोटी-बड़ी टेक कंपनियों में छंटनी देखने को मिली है। मेटा ने बड़े पैमाने पर लोगों को नौकरी से निकाला। ऐसे ही लिफ्ट (Lyft) ने करीब 700 कर्मचारियों की छंटनी की। फाइनेंसियल टेक कंपनी स्ट्राइप (Stripe) ने भी अपने कुल कार्यबल के 14 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी की। ये कुछ ऐसी खबरें हैं जो पिछले दिनों सुर्खियों में रही। इन इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ सकती है।

माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में हजारों और टेककर्मी अपनी नौकरी विभिन्न कंपनियों में गंवा सकते हैं। लगभग सभी टेक कंपनियों की कमाई में पिछले कुछ महीनों में कमी आई है और अब नया साल भी शुरू होने वाला है। ऐसे में कंपनियां स्थितियों को देखते हुए अभी से अपने हाथ तंग करने में लग गई हैं।

टेक कंपनियों में छंटनी, क्यों आई ऐसी स्थिति?

बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के अनुसार जैसा कि बड़ी टेक कंपनियों ने पिछले कुछ हफ्तों में कम-से-कम होती कमाई की सूचना दी है, उन्होंने आने वाले महीनों के बारे में चेतावनी के संकेत भी दिए हैं। कंपनियों ने कहा कि मंदी का मंडराता खतरा ग्राहकों को खर्च कम करने के लिए मजबूर कर रहा था। इससे इनकी कमाई पर असर पड़ा है।

कोलंबिया बिजनेस स्कूल के एक सहयोगी प्रोफेसर डेन वांग ने कहा कि कंपनियां लागत कम करने की तलाश में हैं। इसका मतलब है कि आने वाले हफ्तों और महीनों में ऐसी स्थिति बनी रहेगी।

उन्होंने कहा, 'जब वे लागत में कटौती करते हैं, तो आमतौर पर सबसे पहले श्रम लागत सहित विज्ञापन और मार्केटिंग पर इसका असर होता है। तो जब इसकी बात आती है कि उनकी संख्या कैसी दिखेगी, तो यह इस बात पर निर्भर करेगा कि उन्होंने अपने प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन खर्च में कैसा ट्रेंड देखा है। जब यह अच्छा नहीं होता है, तो उन्हें कार्यबल को व्यवस्थित कर उन उम्मीदों को समायोजित करना पड़ता है।'

टेक कंपनियां महामारी के कारण बड़े पैमाने पर वृद्धि से बाहर रही है। वांग ने कहा, 'अब जो कुछ हो रहा है वह एक तरह से सुधार है।' 

मेनलो वेंचर पार्टनर मैट मर्फी ने कहा, 'ऐसा हमेशा चक्रों में होता रहा है कि कभी-कभी कंपनियां पर्याप्त रूप से छंटनी नहीं करती हैं, बल्कि काम पर लोगों को रखने की रफ्तार को धीमा कर देती हैं। वे ऐसा कर उम्मीद करती हैं कि स्थिति ठीक हो जाएगी।' मर्फी ने आगे कहा, 'Q3 से बाहर आना Q2 की तुलना में बहुत अधिक कठिन था। कई स्टार्टअप्स ने महसूस किया कि वे अपने मौजूदा कर्मचारियों के साथ इससे बाहर नहीं निकल सकते हैं और वास्तव में लोगों को हटाना पड़ेगा।'

आने वाले दिन और कितने मुश्किल?

विशेषज्ञों के अनुसार कुछ कंपनियों के लिए, ये आर्थिक चुनौतियाँ उसी समय आ रही हैं जब वे अगले वित्तीय वर्ष के लिए योजना बना रही हैं। उदाहरण के लिए अमेजन, मेटा और Google के पास वित्तीय वर्ष हैं जो 2022 के अंत में या 2023 की शुरुआत में समाप्त होते हैं। हो सकता है कि वे वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले अपनी बैलेंस शीट से लागत निकालने की तलाश में हों। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी को अभी निकाल दिया जाता है और छह सप्ताह की सैलरी दी जाती है, तो इससे कंपनी की पहली तिमाही की लागत कम हो जाती है। यहां तक ​​कि अगर कर्मचारियों को तीन महीने तक की सैलरी दी जाती है तो भी उनका वेतन पहली तिमाही के अंत से पहले बैलेंस शीट से बाहर हो जाएगा।

कई जानकार ये भी मानते हैं कि साले के आखिर में आने वाली छुट्टिय़ों को देखते हुए उस दौरान कंपनियां किसी की नौकरी नहीं छीनना चाहेंगी। इससे कंपनी के मनोबल पर असर तो पड़ता ही, काम कर रहे कर्मचारियों में भी चिंता बढ़ जाती है। साथ ही भविष्य में कंपनी द्वारा की जाने वाली हायरिंग पर भी असर दिखता है। दरअसल कर्मचारी ऐसे कंपनी में काम नहीं करना चाहेंगे जो बिना परिस्थितियों को देखे और किसी भी मुश्किल में तत्काल रूप से कर्मचारियों को निकालता रहा हो।

इसका मतलब यह है कि अगर टेक कंपनियां छंटनी करना चाहती हैं, तो अगले दो सप्ताह का समय इनके पास ऐसा करने के लिए है या फिर उन्हें अपने लाभ और हानि के स्टेटमेंट को अगली तिमाही में रखने का जोखिम उठाना पड़ेगा और इसे लेकर आगे बढ़ना होगा।

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