दुनिया भर में अचानक से इंटरनेट का गुल होना, इतनी सारी साइट क्यों काम करना बंद कर देती हैं?

By भाषा | Updated: June 9, 2021 19:57 IST2021-06-09T19:57:12+5:302021-06-09T19:57:12+5:30

Why do so many sites stop working due to sudden internet shutdown across the world? | दुनिया भर में अचानक से इंटरनेट का गुल होना, इतनी सारी साइट क्यों काम करना बंद कर देती हैं?

दुनिया भर में अचानक से इंटरनेट का गुल होना, इतनी सारी साइट क्यों काम करना बंद कर देती हैं?

जूनडलूप (ऑस्ट्रेलिया), नौ जून (द कन्वरसेशन) अगर आप मंगलवार को कोई वेबसाइट तलाश रहे थे और वह आपको नहीं मिल पा रही थी तो यकीन मानिए इस समस्या से जूझने वाले आप अकेले इंसान नहीं थे। मंगलवार को दुनिया भर में कई प्रमुख वेबसाइट अचानक से दिखनी बंद हो गयीं और इसका तत्काल साफ कारण भी नहीं दिया गया। हालांकि एक घंटे बाद ये साइट फिर से दिखने लगीं।

इस तरह से इन साइट का न दिखना हमें परेशान कर देता है। यह तब और परेशान करता है जब ऐसा बड़े स्तर पर होता है। मंगलवार को ऐसी वेबसाइट अचानक से दिखनी बंद हो गयीं जिनका एक दूसरे से कोई लेना-देना नहीं है। इनमें बीबीसी, पिनटेरेस्ट, द फाइनेंशियल टाइम्स, रेडिट यहां तक कि द कन्वरसेशन भी शामिल है।

ऐसा कैसे हो सकता है कि इतने सारे अलग-अलग संगठनों की इतनी सारी साइट एक ही तरह की घटना से प्रभावित हो? जवाब जानने के लिए आपको समझना पड़ेगा कि सीडीएन (कंटेंट डिलिवरी नेटवर्क) क्या है और यह इंटरनेट के सुचारु रूप से चलने के लिए कितने जरूरी हैं।

तो मंगलवार को क्या हुआ था और सीडीएन क्या है?

हालांकि घटना को लेकर इतनी जल्दी एक व्यापक आकलन प्रदान नहीं किया जा सकता, इंटरनेट (एक बार फिर से उपलब्ध होने पर) ने तेजी से दोषी की तरफ इशारा किया: फास्टली।

फास्टली एक क्लाउड कंप्यूटिंग कंपनी है जो अमेजन और डिलिवरू सहित कई वेबसाइट को सीडीएन सेवा उपलब्ध कराती है। लेकिन एक अकेली कंपनी किस तरह से इंटरनेट के एक बड़े हिस्से को इस तरह प्रभावित कर सकती है?

हम जब कोई वेबसाइट खोलते हैं, हम अनुमान कर सकते हैं कि हमारा ब्राउजर इंटरनेट से दूर जाता है, दूर की साइट से संपर्क करता है और फिर हमारे स्क्रीन पर वह पेज दिखाता है। जहां यह पूरी प्रक्रिया का सार है, यह एक ज्यादा जटिल प्रक्रिया को हमें सीधे-सीधे नहीं दिखाता, वह प्रक्रिया जिसमें सीडीएन सेवाएं शामिल हो सकती हैं।

सीडीएन एक ऐसी सेवा है जिसकी मदद से लोकप्रिय वेबसाइट को अपने पेजों की प्रतियां अपने ग्राहकों के करीब रखती हैं।

उदाहरण के तौर पर अगर हम बीबीसी की वेबसाइट ब्राउज करना चाहते हैं तो हम ब्रिटेन के किसी सर्वर से सीधा संपर्क कर सकते हैं। जहां इंटरनेट ब्रिटेन से कहीं भी वेब पेज पर ट्रांस्फर कर सकता है, इसमें देरी होना तय है (शायद कुछ सौ मिलीसेकेंड की)। और किसी को भी देरी अच्छी नहीं लगती।

ब्रिटेन का कोई पेज किसी दूसरे देश में देखने में थोड़ी देरी हो सकती है। इसलिए दुनिया भर में हर किसी के लिए तेजी से कंटेंट उपलब्ध कराने के मकसद से सीडीएन औमतौर पर वैश्विक स्तर पर काम करते हैं।

सीडीएन सेवा प्रदाता आमतौर पर दुनिया भर के डेटा सेंटर में काम करते हैं, हर क्षेत्र में कंटेंट उपलब्ध कराने के लिए प्रमुख जनसंख्या केंद्रों में लोकप्रिय कंटेंट की प्रतियां रखते हैं।

ऐसा हो सकता है कि किसी एक तस्वीर या पेज एलीमेंट की डिलिवरी सीडीएन से आते हुए बहुत ज्यादा तेज न हो, बहुत सारे उपयोगकर्ता 200 मिलीसेकेंड और 20 मिलीसेकेंड के बीच का अंतर महसूस न कर पाएं।

हालांकि आधुनिक वेबसाइट में प्राय: बहुत सारी चीजें होती हैं जिनमें तस्वीरें, वीडिया आदि शामिल हैं। एक साथ मिलने पर सीडीएन के जरिए रफ्तार में काफी सुधार हो सकता है।

तो, इतनी सारी साइट क्यों दिखनी बंद हो गयीं?

सीडीएन सेवाएं हमारे वेब ब्राउजिंग के अनुभव को सुधारने के लिहाज से एक महत्वपूर्ण सेवा है- लेकिन इसकी एक कीमत चुकानी पड़ती है।

जब फास्टली जैसा कोई प्रमुख सीडीएन प्रदाता काम करना बंद कर देता है तो इससे न केवल एक वेबसाइट बल्कि हर वह वेबसाइट प्रभावित हो सकती है, जिसे वह मदद करता है।

मंगलवार को दुनिया भर में कई साइट अचानक से दिखनी बंद हो गयीं क्योंकि सीडीएन की मदद से उपलब्ध कराए जाने वाले कंटेंट की सेवा नहीं मिल रही थी।

अगर इनमें से हर वेबसाइट ने अपना कंटेंट खुद होस्ट किया होता तो हमें इन दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता। हालांकि उस स्थिति में हमारा वेब ब्राउजिंग का अनुभव धीमा होता।

क्या ऐसा फिर से हो सकता है?

फास्टली इकलौता सीडीएन प्रदाता नहीं है। दूसरी प्रमुख सेवाओं में अकामाई और क्लाउडफ्लेयर शामिल हैं। इंटरनेट का गुल होना असामान्य नहीं है लेकिन यह आमतौर पर थोड़ी देर के लिए होता है।

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