थोक महंगाई लगातार चौथे महीने बढ़ी, दाल, सब्जी से लेकर इनके रेट में उछाल, आमजन पर पड़ने वाला है भार

By आकाश चौरसिया | Updated: July 15, 2024 15:24 IST2024-07-15T15:04:52+5:302024-07-15T15:24:09+5:30

मंत्रालय ने बताया कि जून, 2024 में सकारात्मक थोक महंगाई दर रही, लेकिन इस बार बढ़ी दरों में खाद्य पदार्थों, उत्पादित खाने के सामान, क्रूड पेट्रोलियम एंड प्राकृतिक गैस, अन्य उत्पादित वस्तुओं, खनिज तेल के दाम में हुई बढ़ोतरी मुख्य वजह रही है।  

Wholesale inflation increased fourth consecutive month increase rates pulses vegetables burden on common man | थोक महंगाई लगातार चौथे महीने बढ़ी, दाल, सब्जी से लेकर इनके रेट में उछाल, आमजन पर पड़ने वाला है भार

फोटो क्रेडिट- (एक्स)

Highlightsथोक महंगाई लगातार चौथे महीने बढ़ीइससे पहले जून, 2023 तक इसमें गिरावट थीलेकिन आज आए आंकड़ों में सबको चौंका दिया

नई दिल्ली: देश भर में लगातार चौथे महीने थोक महंगाई 3.36 फीसदी से बढ़ गई है, इसमें सबसे ज्यादा सब्जियों, उत्पादित सामान और खाद्य पदार्थों के दाम में ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। थोक प्राइस इंडेक्स (डबल्यूपीआई) ने बताया कि 2.61 फीसदी मई में इस दर से महंगाई थी। वहीं, जून में 4.18 फीसदी की दर में थी। हालांकि, महंगाई की यह दर जून, 2023 में काफी कम थी और इसके बाद से महंगाई में बढ़ोतरी होती गई, जो आज 3 फीसदी को पार कर गई। इस बात की जानकारी मंत्रालय ने दी है।   

कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मंत्रालय के अनुसार, जून, 2024 में सकारात्मक थोक महंगाई दर थी, लेकिन इस बार बढ़ी इन दरों में खाद्य पदार्थों, उत्पादित खाने के सामान, क्रूड पेट्रोलियम एंड प्राकृतिक गैस, अन्य उत्पादित वस्तुओं, खनिज तेल के दाम में हुई बढ़ोतरी मुख्य वजह रही है।  

सामने आए डाटा के अनुसार, जून में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 10.87 फीसदी बढ़ी और इसके बाद महंगाई इतनी ऊपर चढ़ गई, जो कि मई में 9.82 फीसदी मई के महीने में थी। जून महीने में सब्जियों के दाम में 38.76 फीसदी की वृद्धि होने के साथ महंगाई बढ़ गई है, जो कि मई में 32.42 फीसदी पर थी। वहीं, प्याज की बात करें तो उसमें 93.35 फीसद के साथ बढ़ोतरी हुई, जबकि आलू के दाम में भी 66.37 फीसद के साथ महंगाई के स्तर पर था। दालों के दाम में भी 21.64 फीसदी की बढ़ोतरी बीते महीने जून में हुई।

ईंधन और बिजली बास्केट में महंगाई की दर 1.03 फीसदी पर रुकी हुई है, जो मई में में 1.35 फीसदी से मामूली कम है। वहीं, उत्पादित वस्तुओं में जून के महीने में मुद्रास्फीति 1.43 फीसदी रही, जो कि मई में 0.78 फीसदी रही। 

जून WPI में वृद्धि महीने के खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों के अनुरूप थी। पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार जून में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर चार महीने के उच्चतम स्तर 5.1 प्रतिशत पर पहुंच गई। अब केंद्रीय बैंक यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया मुद्रास्फीति को रोकने के लिए कड़े कदम मौद्रिक नीति बैठक में बना सकते है। 

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