क्या है प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना?, 1.7 करोड़ किसान को फायदा, 100 जिलों में 24,000 करोड़ रुपये

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 16, 2025 19:13 IST2025-07-16T19:12:18+5:302025-07-16T19:13:22+5:30

'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' 11 विभागों की 36 मौजूदा योजनाओं, अन्य राज्य योजनाओं और निजी क्षेत्र के साथ स्थानीय भागीदारी को समाहित कर कार्यान्वित की जाएगी।

What PM Dhan-Dhaanya Krishi Yojana Scheme 1-7 crore farmers benefited Rs 24000 crore in 100 districts | क्या है प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना?, 1.7 करोड़ किसान को फायदा, 100 जिलों में 24,000 करोड़ रुपये

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Highlightsसूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए इस निर्णय की जानकारी दी।किसानों के लिए दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक ऋण की उपलब्धता को सुगम बनाना है।प्रत्येक राज्य से कम-से-कम एक जिला इस योजना के लिए चुना जाएगा।

नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 100 जिलों में कृषि क्षेत्र के प्रोत्साहन के लिए सालाना 24,000 करोड़ रुपये के आवंटन वाली ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ को बुधवार को मंजूरी दी। छह साल तक चलने वाली इस योजना से करीब 1.7 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे। यह योजना 2025-26 के बजट में कृषि उत्पादकता बढ़ाने, फसल विविधीकरण और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए 100 जिलों के विकास की घोषणा के अनुरूप है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए इस निर्णय की जानकारी दी।

वैष्णव ने संवाददाताओं से कहा कि 'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' 11 विभागों की 36 मौजूदा योजनाओं, अन्य राज्य योजनाओं और निजी क्षेत्र के साथ स्थानीय भागीदारी को समाहित कर कार्यान्वित की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस योजना से लगभग 1.7 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस योजना का उद्देश्य कृषि उत्पादकता बढ़ाना, फसल विविधीकरण और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाना, पंचायत एवं ब्लॉक स्तर पर फसलों की कटाई के बाद अनाज भंडारण बढ़ाना, सिंचाई सुविधाओं में सुधार और किसानों के लिए दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक ऋण की उपलब्धता को सुगम बनाना है।

योजना के लिए 100 जिलों की पहचान कम उत्पादकता, कम फसल सघनता और कम ऋण वितरण के तीन प्रमुख मानदंडों के आधार पर की जाएगी। प्रत्येक राज्य/केंद्रशासित प्रदेश में जिलों की संख्या शुद्ध फसल क्षेत्र और परिचालन जोत के हिस्से पर आधारित होगी। हालांकि, प्रत्येक राज्य से कम-से-कम एक जिला इस योजना के लिए चुना जाएगा।

बयान के मुताबिक, योजना के प्रभावी नियोजन, कार्यान्वयन और निगरानी के लिए जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर समितियां गठित की जाएंगी। जिला धन-धान्य समिति द्वारा एक जिला कृषि एवं संबद्ध कार्यकलाप योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा, जिसमें प्रगतिशील किसान भी शामिल होंगे।

जिला योजनाओं को फसल विविधीकरण, जल एवं मृदा स्वास्थ्य संरक्षण, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता और प्राकृतिक एवं जैविक खेती के विस्तार जैसे राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप बनाया जाएगा। प्रत्येक धन-धान्य जिले में योजना की प्रगति की निगरानी मासिक आधार पर एक डैशबोर्ड के माध्यम से 117 प्रमुख संकेतकों पर की जाएगी।

नीति आयोग इन जिला योजनाओं की समीक्षा और मार्गदर्शन करेगा। इसके अलावा प्रत्येक जिले के लिए नियुक्त केंद्रीय नोडल अधिकारी भी नियमित आधार पर इसकी समीक्षा करेंगे। आधिकारिक बयान के मुताबिक, ‘‘इन 100 जिलों में लक्षित परिणामों में सुधार होने के साथ ही देश के लिए प्रमुख निष्पादन संकेतकों के संदर्भ में समग्र औसत में वृद्धि होगी।’’ इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना से कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र में उत्पादकता में वृद्धि, मूल्य संवर्धन और स्थानीय आजीविका का सृजन होगा। इस तरह से घरेलू उत्पादन बढ़ेगा और आत्मनिर्भरता हासिल होगी।

Web Title: What PM Dhan-Dhaanya Krishi Yojana Scheme 1-7 crore farmers benefited Rs 24000 crore in 100 districts

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