महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश को तोहफा, 3399 करोड़ रुपये की लागत, 2029-30 तक पूरा करने का लक्ष्य, 784 गांवों तक संपर्क सुविधा, क्या है मल्टी-ट्रैकिंग रेलवे परियोजना
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 28, 2025 19:17 IST2025-05-28T19:16:07+5:302025-05-28T19:17:56+5:30
Cabinet Committee on Economic Affairs: परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हुई हैं।

Cabinet Committee on Economic Affairs
Cabinet Committee on Economic Affairs: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने यात्रियों और माल दोनों के तेज परिवहन को सुनिश्चित करने के लिए दो मल्टी-ट्रैकिंग रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी। सरकार ने बुधवार को यह जानकारी दी। इन परियोजनाओं में रतलाम-नागदा के बीच तीसरी और चौथी लाइन तथा वर्धा-बल्हारशाह के बीच चौथी लाइन शामिल हैं। एक आधिकारिक बयान के अनुसार इन परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत 3,399 करोड़ रुपये है और इन्हें 2029-30 तक पूरा किया जाएगा।
बयान में कहा गया, ‘‘ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हुई हैं। ये यात्रियों, वस्तुओं और सेवाओं के लिए निर्बाध संपर्क प्रदान करेंगी।’’ बयान में कहा गया, ‘‘महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के चार जिलों को समाहित करने वाली ये दो परियोजनाएं भारतीय रेल के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 176 किलोमीटर तक विस्तारित करेंगी। प्रस्तावित मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना लगभग 784 गांवों तक संपर्क सुविधा बढ़ाएंगी, जिनकी आबादी लगभग 19.74 लाख है।’’
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इन दोनों परियोजनाओं से देश में दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-चेन्नई आर्थिक गलियारों में बुनियादी ढांचे को बढ़ावा मिलेगा और यातायात संबंधी बाधाएं दूर होंगी। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल के दौरान देश में परिवहन और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 4.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
बयान में कहा गया कि ये कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, जिप्सम, फ्लाई ऐश, कंटेनर, कृषि वस्तुओं और पेट्रोलियम उत्पादों जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं। क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 18.40 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी।
पर्यावरणीय फायदों को रेखांकित करते हुए बयान में कहा गया कि रेलवे पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा दक्ष परिवहन का साधन है, जो जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की लॉजिस्टिक लागत, तेल आयात (20 करोड़ लीटर) को कम करने और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन (99 करोड़ किलोग्राम) में कमी करने में मदद करेगा, जो 4 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।
बयान में कहा गया, ‘‘परियोजनाओं के दौरान लगभग 74 लाख कार्य-दिवस के लिए प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। ये पहल यात्रा सुविधा में सुधार करेगी, लॉजिस्टिक लागत, तेल आयात और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने में योगदान देगी, जिससे टिकाऊ और कुशल रेल संचालन को मजबूती मिलेगी।’’
बयान के अनुसार परियोजनाएं कंटेनर, कोयला, सीमेंट, कृषि वस्तुओं और अन्य सामानों के परिवहन के लिए महत्वपूर्ण मार्गों पर लाइन क्षमता को बढ़ाकर लॉजिस्टिक दक्षता को भी बढ़ाएंगी। इन सुधारों से आपूर्ति शृंखलाओं के बेहतर उपयोग की आशा है, जिससे आर्थिक विकास में तेजी आएगी।
बयान में कहा गया कि बढ़ी हुई लाइन क्षमता से गतिशीलता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय रेल के लिए परिचालन दक्षता और सेवा विश्वसनीयता में सुधार होगा। बयान में कहा गया, ‘‘ये मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव परिचालन को सुव्यवस्थित करने और भीड़भाड़ को कम करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।’’