हमें विनिवेश कार्यक्रम के अच्छे तरीके से आगे बढ़ने, गैर-कर राजस्व में सुधार का भरोसा: सीतारमण

By भाषा | Updated: February 4, 2021 21:00 IST2021-02-04T21:00:59+5:302021-02-04T21:00:59+5:30

We are confident of moving the disinvestment program well, improving non-tax revenue: Sitharaman | हमें विनिवेश कार्यक्रम के अच्छे तरीके से आगे बढ़ने, गैर-कर राजस्व में सुधार का भरोसा: सीतारमण

हमें विनिवेश कार्यक्रम के अच्छे तरीके से आगे बढ़ने, गैर-कर राजस्व में सुधार का भरोसा: सीतारमण

नयी दिल्ली, चार फरवरी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को विश्वास जताया कि अगले वर्ष के बजट में घोषित विनिवेश कार्यक्रम अच्छे तरीके से आगे बढ़ेगा और गैर-कर राजस्व में सुधार होगा।

उद्योग मंडल फिक्की के सदस्यों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य और कृषि जैसे बड़े क्षेत्रों में बड़ी राशि की जाएंगी।

वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में विनिवेश के जरिये 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।

सरकार ने अगले वित्त वर्ष में बीपीसीएल, एयर इंडिया, पोत परिवहन निगम, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, बीईएमएल, पवन हंस और नीलांचल इस्पात निगम लि. में रणनीतिक बिक्री (नियंत्रणकारी हिस्सेदारी की बिक्री) की प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य रखा है।

इसके अलावा, एलआईसी का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाया जाएगा और सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों और एक साधारण बीमा कंपनी को बेचने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

मंत्री ने कहा, ‘‘हमें पूरा भरोसा है कि निवेश का जो कार्यक्रम बनाया गया है, वह बेहतर तरीके से क्रियान्वित होगा।’’

सीतारमण के इस बयान को फिक्की ने ट्विटर पर डाला और बाद में वित्त मंत्रालय ने उसी को दोबारा से ‘ट्वीट’ किया।

उन्होंने कहा, ‘‘...हमने अतिरिक्त रुपये की मांग को लेकर समाज के किसी भी तबके पर बोझ नहीं डाला है।’’

सीतारमण ने यह भी कहा कि सरकार को इस साल राजस्व संग्रह में सुधार की पूरी उम्मीद है। विनिवेश के अलावा दूसरे गैर-कर राजस्व से अच्छी प्राप्ति की संभावना है जिसमें संपत्तियों को बाजार पर चढ़ाना (बिक्री या पट्टा/किराया पर देना) शामिल हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में ऐसे समय गैर-कर राजस्व जुटाने की कोशिश की गयी है, जब कि काफी पैसे खर्च किये जाने हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘बजट में संसाधन बढ़ाने पर जोर दिया गया है लेकिन वह कर बढ़ाकर नहीं किया गया है। बजट में रुख में बदलाव है। इससे उद्यमशीलता को बढ़ावा मिलेगा...।’’

सीतारमण ने उद्योग से आगे और निवेश करने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि जिस भावना के साथ बजट को पेश किया गया है, उसे उद्योग समझेगा और इस जरूरी अभियान में शामिल होगा।’’

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘...उद्योग को अब इस स्थिति में होना चाहिए कि वह विस्तार और वृद्धि के लिये निवेश करे। और यह स्पष्ट तौर पर संकेत मिला है कि वे अब उस प्रौद्योगिकी के लिये संयुक्त उद्यम के लिये तैयार हैं, जिसे वे तरजीह दे रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को तत्काल प्रोत्साहन उपलब्ध कराने के लिये सरकार सार्वजनिक ढांचागत सुविधा में बड़े स्तर पर खर्च करेगी और तीन बड़े क्षेत्रों...बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य और कृषि में अच्छी खासी राशि खर्च किये जाएंगे।’’

सीतारमण ने कहा, ‘‘सरकार अगर पैसे की भरी बोरी भी लाती है, तो भी वह अकेले के बल पर बढ़ती और आंकाक्षी भारत की मांग को पूरा नहीं कर सकती है।’’

बजट में 2021-22 में 34.83 लाख करोड़ रुपये के व्यय का अनुमान जताया गया है। इसमें पूंजी व्यय 5.54 लाख करोड़ रुपये है।

उन्होंने बजट में घोषित विकास वित्त संस्थान (डीएफआई) के बारे में कहा कि सरकार एक डीएफआई बनाएगी और दीर्घकालिक बुनियादी ढांचे का पूरा वित्त पोषण बाजार संचालित तरीके से होगा और इससे दक्षता में वृद्धि होगी।

बजट में बुनियादी ढांचा को ध्यान में रखकर 20,000 करोड़ रुपये के शुरूआती कोष के साथ डीएफआई के गठन का प्रस्ताव किया गया है। इस पहल का मकसद ढांचागत क्षेत्र के लिये दीर्घकालीन वित्त पोषण सुनिश्चित करना है।

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