उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय गैरसैंण में बनेगा

By भाषा | Updated: December 17, 2020 20:10 IST2020-12-17T20:10:03+5:302020-12-17T20:10:03+5:30

Uttarakhand Tea Development Board to be headquartered in Garrison | उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय गैरसैंण में बनेगा

उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय गैरसैंण में बनेगा

देहरादून, 17 दिसंबर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बृहस्पतिवार को चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में बनाने, राज्य में चार नई चाय फैक्ट्रियां स्थापित करने तथा चाय की हरी पत्तियाों का न्यूनतम विक्रय मूल्य निर्धारित करने के लिए समिति बनाने के अधिकारियों को निर्देश दिए ।

चाय विकास बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने अधिकारियों को चाय बागान विकसित करने तथा उसमें किसानों को सह-मालिक बनाने को कहा । उन्होंने कहा कि अगले एक माह में इस संबंध में एक व्यवहारिक मॉडल बनाकर कार्ययोजना तैयार कर ली जाए और इसमें एक चाय विशेषज्ञ भी रखा जाए ।

उन्होंने कहा कि इस मॉडल को तैयार करने में किसानों के सुझावों को भी शामिल किया जाए तथा चाय बागान विकसित कर उन्हें दिए जाने के बाद उन्हें तकनीकी विशेषज्ञता भी उपलब्ध करायी जाए।

यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री ने चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में स्थापित करने को कहा और चमोली के जिलाधिकारी से इसके लिए जमीन तलाशने को कहा ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को बाजार उपलब्ध कराने हेतु राज्य में चार नई फैक्ट्रियाँ स्थापित की जाएं तथा चाय बागानों से उत्पादित हरी पत्तियों के न्यूनतम विक्रय मूल्य को निर्धारित करने हेतु एक समिति भी गठित की जाए । उन्होंने कहा कि यह समिति प्रत्येक वर्ष हेतु न्यूनतम विक्रय मूल्य निर्धारित करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में किसी भी कारण से बंद पडी निजी चाय फैक्ट्रियों को चलाने के प्रयास करने के भी निर्देश दिए । उन्होंने कहा कि यदि निजी फैक्ट्रियों के मालिक इन्हें चलाने में सक्षम नहीं हैं तो बोर्ड द्वारा इन्हें चलाए जाने हेतु प्रयास किए जाएं जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हों और उन्हें आजीविका का साधन मिले ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चाय बागान राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस संबंध में उन्होंने जिलाधिकारियों को टी-टूरिज्म पर भी फोकस करने के निर्देश दिए।

बोर्ड द्वारा अब तक विभिन्न स्थानों पर कुल 1387 हैक्टेयर क्षेत्रफल पर चाय प्लान्टेशन किया जा चुका है जिसमें अनुमानित 4,000 श्रमिक नियोजित किये गये हैं जिसमें 70 प्रतिशत भागीदारी महिलाओं की हैं। वर्तमान में बोर्ड द्वारा चाय को 'उत्तराखण्ड टी' नाम से बेचा जा रहा है।

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Web Title: Uttarakhand Tea Development Board to be headquartered in Garrison

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