लखनऊः उत्तर प्रदेश के 41 जिलों में किसान भगवान से बरसात कराने की फरियाद कर रहे हैं। यह 41 जिले ऐसे हैं, जहां जून से अब तक सामान्य बारिश नहीं हो सकी है। जिसके चलते मध्य और पूर्वी यूपी के इन 41 जिलों में सूखे की काली छाया अपने पांव पसारती नजर आ रही हैं। मौसम विभाग ने भी इन जिलों में कम बारिश होने के संभावना जताई है।
ऐसे में अब इन 41 जिलों में खेती करने के लिए भगवान के भरोसे हैं, क्योंकि योगी सरकार की हर खेत तक पानी पहुंचाने की योजना इन जिलों में गांवों में नहीं पहुंची है। इस कारण, उक्त जिलों के किसानों को खेती के लिए बारिश के पानी पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है। और अब किसान भगवान से बरसात कराने के पूजा पाठ कर रहे हैं।
इन जिलों में मंडरा रही सूखे की काली छाया:
राज्य में कम बारिश के चलते सूबे के 75 जिलों में से 41 जिलों में सूखे की काली छाया के पांव पसारने की संभावना को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी परेशान हुए हैं। उनकी चिंता इस बात को लेकर है कि अगर लोकसभा चुनावों के पहले कम बारिश होने की कारण इस साल सूबे के 41 जिलों में किसानों की फसल खराब हुई तो किसान नाराज होंगे और उसका असर पार्टी के चुनाव परिणाम पर पड़ सकता है।
क्योंकि जिन 41 जिलों में कम बरसात होने की कारण सूखे की काली छाया मंडरा रही हैं, उन जिलों की अधिकांश लोकसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का ही कब्जा है। इनमें से नौ जिले प्रयागराज, बांदा, देवरिया, पीलीभीत, कुशीनगर, चंदौली, मऊ, मिर्जापुर और कौशांबी ऐसे हैं, जहां 40 प्रतिशत से भी कम बरसात हुई है.
मौसम विभाग ने इन नौ जिलों को सूखे की हालत वाला जिला माना है। इसी प्रकार मौसम विभाग ने 17 जिलों आगरा, सोनभद्र, ललितपुर, गाजियाबाद, महाराजगंज, जौनपुर, अयोध्या, प्रतापगढ़, सीतापुर, रायबरेली, सुल्तानपुर, गौतमबुद्धनगर, बस्ती, भदोही, चित्रकूट, गोंडा और महोबा को बहुत कम बारिश वाला घोषित किया है।
जबकि मौसम विभाग ने हमीरपुर, श्रावस्ती, लखनऊ, शामली, हाथरस, कानपुर देहात, वाराणसी, बलिया, हरदोई, अमेठी, गाजीपुर, आजमगढ़, संतकबीरनगर, झांसी और कानपुर नगर को कम बारिश वाला जिला बताया है।
इसलिए भयभीत है सीएम योगी:
यह सारे वह जिले हैं, जिसकी लोकसभा सीटों पर भाजपा ने फिर से जीत ही उम्मीद लगाई हुई है। ऐसे में अगर कम बारिश की वजह से किसानों की फसल पर असर पड़ा तो किसानों की नाराजगी सरकार को झेलनी पड़ सकती है। सूबे के किसान पहले से ही भाजपा की नीतियों को लेकर किसानों से खफा हैं।
यही वजह है कि शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह सूबे में कम बारिश के कारण किसानों के सामने उत्पन्न समस्याओं के निदान पर ध्यान दें। इसके साथ ही सीएम ने कृषि, बिजली और सिंचाई विभाग अलर्ट मोड में रहें।
नदियों के पानी को चैनेलाइज करते हुए जलाशयों को भरा जाए। नलकूपों और पंप कैनाल्स को पर्याप्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। सौर ऊर्जा चलित नलकूपों के इस्तेमाल के लिए अधिक से अधिक प्रोत्साहित किया जाए। ताकि सूबे के किसान धान की बुवाई कर सके।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश के सभी किसानों के खेत में हर हाल में पानी पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए नदियों को चैनेलाइज करते हुए उनके पानी को नहरों में पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि पानी हर हाल में नहर के टेल तक पहुंचे. ताकि किसान खेतों में धान की रोपाई कर सके।
किसानों को सलाह:
सीएम के ऐसे निर्देश के बाद कृषि विभाग के अधिकारियों के किसानों को सलाह दी है कि खरीफ फसलों की बुवाई पर्याप्त नमी होने पर ही करें। अगर बुवाई में विलंब हो तो दलहनी, तिलहनी व मोटे अनाज की बुवाई करें। धान की रोपाई यथाशीघ्र पूरी करे और खेतों की मेडबंदी करके नमी को संरक्षित करे। तालाब, पोखर और झील के पानी का सावधानी से इस्तेमाल करे तथा एसएम अवधि की सूखा सहनशील क़िस्मों की बोवाई की जाए।