दुधवा टाइगर रिजर्व में विस्टाडोम कोच से पर्यटकों को मिलेगा जंगल सफारी का रोमांचक?, जानिए किराया और टाइम टेबल

By राजेंद्र कुमार | Updated: May 17, 2025 16:33 IST2025-05-17T16:32:28+5:302025-05-17T16:33:16+5:30

पर्यटन विभाग ने प्रदेश के वन क्षेत्रों को वन डेस्टिनेशन थ्री फॉरेस्ट के रूप में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए यह योजना शुरू की गई है.

uttar pradesh tourists get thrill jungle safari from Vistadome coach in Dudhwa Tiger Reserve Know fare and time table | दुधवा टाइगर रिजर्व में विस्टाडोम कोच से पर्यटकों को मिलेगा जंगल सफारी का रोमांचक?, जानिए किराया और टाइम टेबल

photo-lokmat

Highlightsविस्टाडोम कोच में बैठकर जंगल सफारी का आनंद प्राप्त करने के लिए पर्यटकों को 275 रुपए खर्च करने होंगे.जंगल में रह रहे हिरन, बारहसिंगा, नीलगाय,  सियार, बाघ तथा तेंदुओं को भी देख सकेंगे.विस्टाडोम कोच एक ऐसा ट्रेन डिब्बा है जिसमें बड़ी खिड़कियां और पारदर्शी छत होती है.

लखनऊः शेर बचा कर दिखाएं या दिखाकर बचाए? दुनिया भर के वन्यजीव विशेषज्ञों के बीच वर्षों के चल रही इस बहस के बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश में इको टूरिज्म और पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक  बड़ा कदम उठाया है. जिसके चलते राज्य में कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य से दुधवा टाइगर रिजर्व तक रेल कनेक्टिविटी प्रदान करने वाली पर्यटक ट्रेन में विस्टाडोम कोच का संचालन शुरू किया गया है. अब इस विस्टाडोम कोच  में बैठकर पर्यटक जंगल सफारी का रोमांचक अनुभव प्राप्त कर सकेंगे. यह सेवा पर्यटकों के लिए 12 महीने उपलब्ध रहेगी. फिलहाल शनिवार और रविवार ही पर्यटकों के लिए यह सेवा उपलब्ध करायी जा रही है, आने वाले दिनों में यह सेवा सभी दिन उपलब्ध होगी. विस्टाडोम कोच में बैठकर जंगल सफारी का आनंद प्राप्त करने के लिए पर्यटकों को 275 रुपए खर्च करने होंगे.

ऐसा होता है विस्टाडोम कोच

पर्यटन विभाग के निदेशक प्रखर मिश्रा ने उक्त योजना के बारे में विस्तार के यहां बताया है. उन्होने बताया कि पर्यटन विभाग ने प्रदेश के वन क्षेत्रों को वन डेस्टिनेशन थ्री फॉरेस्ट के रूप में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए यह योजना शुरू की गई है.

जिसके तहत दुधवा नेशनल पार्क, कतर्नियाघाट और किशनपुर वन्यजीव अभ्यारण्य में रह रहे वन्यजीवों को जंगल में घूमते हुए पर्यटकों दिखाने के लिए विस्टाडोम कोच का संचालन शुरू किया जा रहा है. घने जंगल से गुजरी ट्रेन के विस्टाडोम कोच में बैठे पर्यटक जंगल की हरियाली और जंगल में रह रहे हिरन, बारहसिंगा, नीलगाय,  सियार, बाघ तथा तेंदुओं को भी देख सकेंगे.

प्रखर मिश्रा के अनुसार, विस्टाडोम कोच एक ऐसा ट्रेन डिब्बा है जिसमें बड़ी खिड़कियां और पारदर्शी छत होती है. जिससे यात्रियों को बाहर के दृश्यों का आनंद मिलता है. यह कोच भारतीय रेलवे द्वारा पर्यटन के लिए खास रूप से डिजाइन किए गए हैं, जो यात्रियों को एक अद्वितीय यात्रा अनुभव प्रदान करते हैं.

विस्टाडोम कोच के माध्यम से पर्यटक 107 किलोमीटर लंबे जंगल के भीतर सफर करते हुए प्राकृतिक दृश्यावली, जैव विविधता और वन्य जीवों का नज़दीक से अनुभव ले सकेंगे. यह सफर चार घंटे 25 मिनट का है. कोच में बैठकर जंगल सफारी का मजा लेने के लिए पर्यटकों से 275 रुपए का शुल्क लिया जा रहा है. इतनी धनराशि खर्च कर पर्यटक कतर्नियाघाट से दुधवा नेशनल पार्क तक के वन्यजीवों को देख सकेगा. 

घने जंगल में 107 किलोमीटर गुज़रेगी ट्रेन

प्रखर मिश्रा के मुताबिक कि पर्यटकों को यूपी के घने जंगलों का नजारा दिखाने वाली इस ट्रेन का नाम बिछिया टु मैलानी टूरिस्ट पैसेंजर ट्रेन (नंबर 52259) रखा गया है. यह ट्रेन बिछिया स्टेशन (बहराइच) से सुबह 11:45 बजे चलकर विभिन्न स्टेशनों से गुजरते हुए दोपहर 4:10 बजे मैलानी स्टेशन (लखीमपुर खीरी ) पहुंचेगी.

जबकि मैलानी से बिछिया आने के लिए यह ट्रेन सुबह 6:05 बजे मैलानी से रवाना होकर 10:30 बजे बिछिया पहुंचेगी. यह ट्रेन नौ स्टेशन बिछिया, मंझरा पुरब, खैराटिया बांध रोड, तिकुनिया, बेलरायां, दुधवा, पलियाकलां, भीरा खीरी से होते हुए मैलानी स्टेशन पर पहुंचती है.

प्रखर मिश्रा को विश्वास है कि इस मानसून सत्र में यह ट्रेन पर्यटकों को आकर्षित करेगी. बीस साल पहले भी प्रदेश सरकार ने दुधवा नेशनल पार्क में पर्यटकों को लाने के लिए लखनऊ से एक ट्रेन चलाई थी, इस ट्रेन से आने वाले पर्यटक के लिए दुधवा पार्क में बनी थारू हट में रुकने की व्यवस्था भी की गई थी, लेकिन यह योजना सफल नहीं हुई थी.

दुधवा और कतर्नियाघाट की खासियत

उत्तर प्रदेश के दुधवा राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल 1284.3 वर्ग किलोमीटर है. दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में किशनपुर वन्य अभयारण्य और कतर्नियाघाट वन्य अभयारण्य शामिल हैं. दुधवा राष्ट्रीय उद्यान और किशनपुर पशु विहार को 1987-88 में भारत सरकार के प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किया गया था.

यह राष्ट्रीय उद्यान अपनी जैव विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है. इस उद्यान में हिरणों की पांच प्रजातियां हैं. इसके अलावा गैंडा, हाथी, बारहसिंगा, चीतल, पाड़ा, कांकड़, कृष्ण मृग, चौसिंगा, सांभर, नीलगाय, वाइल्ड डॉग, भेड़िया, लकड़बग्घा, सियार, लोमड़ी आदि पाए जाते हैं.

वर्ष 2022 तक दुधवा टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 153 थी. दुधवा राष्ट्रीय उद्यान बारहसिंगा के लिए दुनियाभर में विख्यात है जबकि कतर्नियाघाट में लोग नदी के किनारे सोते हुए घड़ियाल और डाल्फिन को कूदते हुए देखने के लिए आते हैं. 

Web Title: uttar pradesh tourists get thrill jungle safari from Vistadome coach in Dudhwa Tiger Reserve Know fare and time table

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे